संस्कृति, शिक्षा और समकालीनता का त्रिवेणी संगम
आचार्य विद्यानंद प्रज्ञापीठ—28 एकड़ में फैला, पर्यावरण‑स्नेही वास्तुशिल्प और सोलर‑पावर्ड कैम्पस—का उद्देश्य है “शाश्वत मूल्यों को शोध‑आधारित शिक्षा से जोड़ना।” CM रेखा गुप्ता ने दीप‑प्रज्वलन के बाद कहा,
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“आज जब युवा पीढ़ी तकनीक‑केंद्रित है, तब अहिंसा, अपरिग्रह और अनेकांत जैसी जैन शिक्षाएँ उन्हें वैश्विक नागरिक बनाती हैं।”
उन्होंने ‘नॉलेज‑इकोनॉमी’ में भारत को अग्रणी बनाने के लिए “Value‑Based NEP Implementation” का रोडमैप साझा किया।
मुख्य आकर्षण
| पहल | विवरण |
|---|---|
| अहिंसा रिसर्च चेयर | अंतर‑विश्वविद्यालयीय प्रोजेक्ट, महावीर जयंती 2025 तक पहला पेपर |
| Green Lab | प्लांट‑बेस्ड टेक्नोलॉजी, क्रुएल्टी‑फ्री इनोवेशन स्टार्ट‑अप इनक्यूबेटर |
| डिजिटल जैन लाइब्रेरी | 25,000 पांडुलिपियों का 4K स्कैन, ग्लोबल ओपन‑एक्सेस पोर्टल |
साधु‑साध्वियों का संबोधन
जैन आचार्य श्री विद्याबोधि सूरीश्वर ने कहा—“ज्ञान (श्रुत), ध्यान (समता) और विज्ञान (अन्वेषण) की त्रयी से ही ‘प्रज्ञापीठ’ सफलता पाएगा।” उन्होंने नॉन‑वाइलेंट रिसर्च एथिक्स पर मंत्र दिया।
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उद्योग‑अकादमिक सहयोग
• टाटा ट्रस्ट ने Ethics‑in‑AI रिसर्च फंड की घोषणा।
• विप्रो CSR ने Skill4Ahinṣā फेलोशिप कोष ₹10 करोड़ दिए।
• IIT‑दिल्ली और प्रज्ञापीठ का जैन गणित एवं लोजिक सेंटर MoU हस्ताक्षर।
सीएम ने सराहना करते हुए कहा, “पब्लिक‑प्राइवेट‑फेथ मॉडल नया एजुकेशन इनोवेशन बन सकता है।”
राजनीति से परे सामाजिक संदेश
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मंच से सभी दलों को निमंत्रण दिया कि “सांप्रदायिक सौहार्द और जलवायु न्याय” के वृहत्तर लक्ष्य पर एक‑साथ आगे बढ़ें। उन्होंने जैन समुदाय के अहिंसा सर्किट पर्यटन—श्रवणबेलगोला से पावापुरी तक—को राज्य पर्यटन नीति से जोड़ने की घोषणा की।
छात्र एवं अभिभावक सहभागिता
उद्घाटन के दौरान 300 से अधिक विद्यार्थियों ने “Live Mindfulness Mandala” बनाकर कैंपस को रंगीन बना दिया। माता‑पिता से CM ने कहा—“परीक्षा की दौड़ में बच्चों को करुणा और पर्यावरण‑संवेदनशीलता सिखाना न भूलें।”
चुनौतियाँ और समाधान
वित्त पोषण
पूरे ढाँचे का प्रथम चरण ₹250 करोड़ में तैयार—60 % जैन दानदाता, 25 % CSR, 15 % राज्य अनुदान। CM ने महिला‑शिक्षा विंग के लिए अतिरिक्त ₹20 करोड़ देने का आश्वासन दिया।
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पाठ्यक्रम संतुलन
UGC मान्यता के साथ Certificate in Prākrit NLP, Diploma in Compassion Economics जैसे इंटिग्रेटेड कोर्स बनाए गए।
निष्कर्ष
आचार्य विद्यानंद प्रज्ञापीठ महज़ धार्मिक या अकादमिक परिसर नहीं, बल्कि 21वीं सदी के “Values+Science” मॉडल का प्रयोगशाला बनेगा। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का संदेश—“सरकार, समाज और श्रद्धा एक‑दूसरे की शक्ति बढ़ाएँ”—भारत के New Education Vision को दिशा देता है। अब देखना होगा कि यह संस्थान किस तरह व्यापक समाज को अहिंसक समाधान और सतत् नवाचार की राह दिखाता है।