Booking.com

राज्य

  1. हिन्दी समाचार
  2. ख़बरें जरा हटके
  3. रामेश्वरम के धनुषकोडी गांव में आज के दिन जन्मे थे अपने मिसाइल मैन

रामेश्वरम के धनुषकोडी गांव में आज के दिन जन्मे थे अपने मिसाइल मैन

आज के इतिहास में जानें कि किन विषम परिस्थितियों में एपीजे अब्दुल कलाम बने थे देश के मिसाइल मैन।

By इंडिया वॉइस 

Updated Date

सपने वो नहीं जो नींद में देखते हैं, सपने वो जो सोने नहीं देतेः ‘मिसाइल मैन’ और ‘जनता के राष्ट्रपति’ जैसे नामों से मशहूर भारत के पूर्व राष्ट्रपति और सुविख्यात वैज्ञानिक रहे अबुल पकिर जैनुल आब्दीन अब्दुल कलाम (एपीजे अब्दुल कलाम) का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु स्थित रामेश्वरम के धनुषकोडी गांव में एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ। अत्यंत कठिन परिस्थितियों के बीच एपीजे कलाम ने अपनी शिक्षा जैसे-तैसे जारी रखी।

पढ़ें :- Poster Politics: दिल्ली में जारी हुआ पोस्टर...एक बार फिर मचा घमासान

अपनी मेधा के दम पर उन्होंने 1950 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से अंतरिक्ष विज्ञान में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। इसके पश्चात हावर क्राफ्ट परियोजना पर काम करने के लिए भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संस्थान में प्रवेश लिया। साल 1962 में वे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन पहुंचे, जहां कई उपग्रह प्रक्षेपण परियोजनाओं में अहम भूमिका निभाई।

उन्होंने चार दशक तक डीआरडीओ और इसरो को संभाला और अंतरिक्ष एवं सैन्य मिसाइल के विकास कार्यक्रमों में शामिल रहे। बैलेस्टिक मिसाइल एवं प्रक्षेपण यान प्रौद्योगिकी के विकास कार्यों की वजह वे मिसाइल मैन के नाम से सुविख्यात हुए। उन्होंने 1974 के पहले परमाणु परीक्षण और 1998 में पोखरण परमाणु परीक्षण में निर्णायक और संगठनात्मक नेतृत्वकर्ता की भूमिका निभाई। वर्ष 2002 में देश के राष्ट्रपति बनने के बाद भी उन्होंने सादगी और ईमानदारी का बेहतरीन उदाहरण पेश किया।

अपने जीवन के जरिये उन्होंने युवाओं को सिखाया कि जिंदगी में चाहे कैसी भी परिस्थितियां हों, जब आप अपने सपने को पूरा करने की ठान लेते हैं तो उन्हें पूरा करके ही रहते हैं। उनका संदेश था- यदि आप सूरज की तरह चमकना चाहते हैं तो पहले सूरज की तरह तपना सीखें। राष्ट्रपति के पद से मुक्ति के बाद वे देशभर में घूम-घूमकर स्कूल-कॉलेज के युवाओं को अपने विचारों से प्रेरित करते रहे। इसी बीच 27 जुलाई 2015 को शिलॉन्ग के भारतीय प्रबंधन संस्थान में ऐसे ही एक व्याख्यान के दौरान उन्हें दिल का दौरा पड़ा और कुछ घंटों बाद उनके निधन की खबर आई।

एपीजे कलाम की लिखी कई पुस्तकें आनेवाली कई पीढ़ियों तक युवाओं को प्रेरित करती रहेंगी। इनमें ‘इंडिया 2020 ए विजन फॉर द न्यू मिलेनियम’, ‘माई जर्नी’ और ‘इग्नाटिड माइंड्स-अनलीशिंग द पावर विदिन इंडिया’ शामिल हैं। उनकी आत्मकथा ‘विंग्स ऑफ फायर’ भी काफी लोकप्रिय है, जिसके जरिये उनकी कठिन जीवन यात्रा को समझा जा सकता है। एपीजे कलाम को उनके उल्लेखनीय सेवाकार्यों के लिए भारत रत्न सहित कई प्रतिष्ठित सम्मान मिले। खासतौर पर देश की जनता के बीच उन्हें गहरा सम्मान और प्यार मिला।

पढ़ें :- Delhi Budget 2023-24: आखिरकार दिल्ली सरकार का बजट हुआ पेश....कैलाश गहलोत ने 78 हजार करोड़ का बजट किया पेश

अन्य अहम घटनाएं:

1918: शिरडी के साईं बाबा ने शरीर त्यागा।

1932: टाटा समूह ने पहली एयरलाइन की शुरुआत की।

1936: दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री मदनलाल खुराना का जन्म।

1948: भाजपा नेता महेंद्रनाथ पांडेय का जन्म।

पढ़ें :- Delhi Budget 2023-24: दिल्ली में सियासी घमसान के बीच बजट को मिली मंजूरी

1952: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह का जन्म।

1957: भाजपा नेता और मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी का जन्म।

1961: मूर्धन्य कवि, उपन्यासकार, निबंधकार एवं कहानीकार सूर्यकांत त्रिपाठी निराला का निधन।

1964: सोवियत संघ के नेता निकिता ख्रुश्नेव ने अचानक संन्यास की घोषणा की।

1988: उज्ज्वला पाटिल दुनिया का चक्कर लगाने वाली पहली एशियाई महिला बनीं।

1999: क्रांतिकारियों की प्रमुख सहयोगी रहीं दुर्गा भाभी का निधन।

पढ़ें :- Farmer Protest Delhi 2.0: एक बार फिर से किसानों का दिल्ली कूच....क्या होगा परिणाम?

हिन्दुस्थान समाचार

इन टॉपिक्स पर और पढ़ें:
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook, YouTube और Twitter पर फॉलो करे...
Booking.com
Booking.com
Booking.com
Booking.com