Booking.com

राज्य

  1. हिन्दी समाचार
  2. उत्तराखंड
  3. UKPSC : सहायक प्रोफेसर के पद पर भर्ती के लिए API की बाध्यता समाप्त करने की उठी मांग

UKPSC : सहायक प्रोफेसर के पद पर भर्ती के लिए API की बाध्यता समाप्त करने की उठी मांग

Academic Performance Index : उच्च शिक्षा में इस परीक्षा में बैठने के पात्र अभ्यर्थी, लगातार इस परीक्षा को कराए जाने की मांग करते रहे लेकिन यह परीक्षा नहीं कराई गयी।

By इंडिया वॉइस 

Updated Date

उत्तराखंड, 13 दिसम्बर। उत्तराखंड के विभिन्न राजकीय महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 455 पदों पर नियुक्ति के लिए ‘Uttarakhand Public Service Commission’ की ओर से जारी विज्ञप्ति में एपीआई (शैक्षणिक प्रदर्शन संकेतक) के आधार पर किये जाने की शर्त रखी गई। जिसका भर्ती प्रक्रिया में भाग लेने वाले अभ्यर्थियों ने विरोध किया है। इस संबंध में भाकपा माले के गढ़वाल सचिव इंद्रेश मैखुरी ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेज कर इस बाध्यता को समाप्त करने की मांग की है।

पढ़ें :- Uttarakhand News: हल्द्वानी से रिश्तों को शर्मसार करने का मामला आया सामने, सगे भाई ने नाबालिग बहन को बनाया हवस का शिकार

 

अभ्यर्थियों की छंटनी API स्कोर के आधार पर होगी 

भाकपा माले के गढ़वाल सचिव का कहना है कि लंबे समय बाद उत्तराखंड (UTTARAKHAND) में उच्च शिक्षा शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई है। इस भर्ती प्रक्रिया से अभ्यर्थियों को खुशी होनी चाहिए थी लेकिन भर्ती प्रक्रिया के लिए जिस तरह की शर्त रखी गई है, उससे अभ्यर्थियों में भारी निराशा है। इस भर्ती प्रक्रिया में अभ्यर्थियों की छंटनी API (Academic Performance Index) स्कोर के आधार पर की जाएगी।

उनका कहना है कि पूरे देश में जहां भी असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर नियुक्ति हो रही है, वहां लिखित परीक्षा और साक्षात्कार चयन का आधार है। 2019 में छत्तीसगढ़, 2020 में राजस्थान और उत्तर प्रदेश में सीधी भर्ती, लिखित परीक्षा के आधार पर हुई हैं। उत्तराखंड में 2017 में हुई असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती स्क्रीनिंग और साक्षात्कार के जरिये हुए तो अब की बार एपीआई और साक्षात्कार की प्रक्रिया अपनाए जाने का कारण समझ से परे है।

 

पढ़ें :- Earthquake News: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में महसूस किए गए भूकंप के झटके, लोगों में दहशत

असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति के एपीआई की बाध्यता समाप्त करने की मांग 

उन्होंने कहा कि भारत के राजपत्र में प्रकाशित, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की 18 जुलाई 2018 की अधिसूचना में भी असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए एपीआई स्कोर की बाध्यता नहीं है तो फिर उत्तराखंड सरकार और उत्तराखंड लोक सेवा आयोग का जोर अचानक से एपीआई पर क्यूं बढ़ गया है। यह बात किसी को हजम नहीं हो रही है। उनका कहना है कि 2016 के बाद उत्तराखंड में कोई राज्य पात्रता परीक्षा नहीं हुई है।

उच्च शिक्षा में इस परीक्षा में बैठने के पात्र अभ्यर्थी, लगातार इस परीक्षा को कराए जाने की मांग करते रहे, उच्च शिक्षा मंत्री भी राज्य पात्रता परीक्षा कराए जाने का बयान देते रहे, लेकिन यह परीक्षा नहीं कराई गयी। उन्होंने मुख्यमंत्री, उच्च शिक्षा मंत्री और सचिव लोक सेवा आयोग से मांग की है कि असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति के एपीआई की बाध्यता को समाप्त किया जाये और यह नियुक्ति उत्तराखंड की ओर से 2017 में अपनाई गयी नियुक्ति प्रक्रिया अथवा देश के अन्य राज्यों की ओर से अपनाई गयी नियुक्ति प्रक्रिया के तरीके की जाये।

 

और पढ़ें – Uttarakhand : 8 बार विधायक रहे भाजपा नेता हरबंश कपूर का निधन, 1985 के बाद नहीं हारे कोई चुनाव

Parliament Attack : 13 दिसंबर 2021 को जब आंतकियों ने किया था संसद पर हमला

पढ़ें :- जोशीमठ को भूस्खलन से ध्वस्त होने से बचाने के लिए रिसर्च में जुटे वैज्ञानिक

इन टॉपिक्स पर और पढ़ें:
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook, YouTube और Twitter पर फॉलो करे...
Booking.com
Booking.com
Booking.com
Booking.com