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उत्तराखंड : मुख्यमंत्री ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों में त्वरित गति से जनजीवन सामान्य करने के दिए निर्देश

बहगदजक्षतिग्रस्त बिजली और पेयजल लाइनों को जल्द से जल्द बहाल करने तथा आपदा पीड़ित परिवारों तक हर संभव मदद पहुंचाने के निर्देश दिए।

By इंडिया वॉइस 

Updated Date

उत्तराखंड, 22 अक्टूबर। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को चमोली जिले के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लेने के बाद क्लेक्ट्रेट सभागार गोपेश्वर में जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ आपदा राहत कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने इस दौरान अवरुद्ध मार्गों, क्षतिग्रस्त बिजली और पेयजल लाइनों को जल्द से जल्द बहाल करने तथा आपदा पीड़ित परिवारों तक हर संभव मदद पहुंचाने के निर्देश दिए।

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उन्होंने कहा कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में जितनी जल्दी हो सके जन जीवन को सामान्य किये जाने के हर संभव प्रयास किये जाएं, ताकि प्रभावितों को किसी प्रकार की समस्या पैदा न हो। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि आपदा प्रभावित सभी क्षेत्रों में मेडिकल सुविधा एवं दवाइयां पहुंचाई जाएं। उन्होंने कहा कि लोगों के जीवन को बचाने के लिए पूरे प्रदेश में एयर एंबुलेंस की व्यवस्था की गई है।

आपदा से प्रभावित सड़कों को जल्द करें बहाल

उन्होंने निर्देश दिए कि गुरुवार की रात को गैस सिलेण्डर फटने से जिला अस्पताल गोपेश्वर में भर्ती गंभीर घायलों को आज ही एयर एम्बुलेंस से हायर सेंटर रेफर किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा राहत कार्यों में संसाधनों की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। अतिवृष्टि के कारण जो भी सड़कें अवरुद्ध हुई हैं उनको जल्द से जल्द बहाल करें।

इसके लिए यदि अतिरिक्त जेसीबी मशीन या कहीं पर जेसीबी मशीन एयर लिफ्ट करने की आवश्यकता है तो संज्ञान में लाया जाए। जिन क्षेत्रों में विद्युत एवं पेयजल लाइनें क्षतिग्रस्त हुई हैं उनको तत्काल सुचारू किया जाए। प्रभावित क्षेत्रों में खाद्यान्न की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करें। जिन क्षेत्रों में दूरसंचार व्यवस्था बाधित हुई है, वहां पर वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर डब्ल्यूएलएल फोन की व्यवस्था की जाए। उन्होंने लोक निर्माण विभाग को आगामी सात नवंबर तक सभी सड़कों को गड्ढा मुक्त बनाने के निर्देश दिए।

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अस्पताल पहुँच मरीजों का जाना हाल 

मुख्यमंत्री ने बद्रीनाथ धाम में मास्टर प्लान के तहत संचालित कार्यों के बारे में भी जानकारी ली। बैठक से पूर्व मुख्यमंत्री ने गोपेश्वर जिला अस्पताल पहुंचकर यहां पर भर्ती मरीजों का हाल भी जाना। बैठक में मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि अतिवृष्टि के कारण जिले में 6385 लाख की विभागीय परिसंपत्तियों की क्षति हुई है। लोनिवि की 125 सड़कें और आठ पुल को क्षति पहुंची है जिसकी अनुमानित क्षति की लागत 2547.52 लाख है। पीएमजीएसवाई की 83 सडकों क्षति पहुंची है, जिससे 2547.15 लाख का नुकसान हुआ।

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0.85 लाख की फसलों को हुआ नुकसान

लोक निर्माण विभाग की बंद 125 में से 92 सड़कें तथा पीएमजीएसवाई की बंद 83 में से 40 सडकें सुचारू कर दी गई हैं। जिले में विद्युत लाइन के 450 पोल, 10 ट्रांसफॉर्मर सहित 92 किलोमीटर लाइन प्रभावित हुई है जिससे 205 लाख का नुकसान हुआ है। जोशीमठ में अनुमानित 97.96 लाख तथा गैरसैंण में 0.85 लाख की फसलों को नुकसान हुआ है। नारायणबगड़ में दो भवन क्षतिग्रस्त, एक महिला की मृत्यु और दो लापता हुए हैं।

थराली में पांच भवन क्षतिग्रस्त हुए तथा जोशीमठ में चार व्यक्ति घायल और दो पशुहानि हुई है। घाट में चार भवन क्षतिग्रस्त और तीन पशुहानि हुई है। गैरसैंण मे भी तीन पशुहानि हुई है। आपदा मद से सात पुल-पुलिया निर्माण के लिए 41.08 लाख तथा आपदा न्यूनीकरण के तहत स्वीकृत 16 योजनाओं के लिए 93.94 लाख की राशि विभागों को अवमुक्त की गई। बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग सहित जिले के सभी प्रमुख मार्गों पर यातायात सुचारू कर दिया गया है।

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