51वें दादा साहब फाल्के पुरस्कार को लेते समय रजनीकांत ने अपने संबोधन में इस पुरस्कार के लिए अपने गुरु के. बालचंदर, अपने भाई सत्यनारायण राव और अपने ट्रांसपोर्ट ड्राइवर दोस्त राजबहादुर को भी याद किया।
नई दिल्ली, 25 अक्टूबर। सुपरस्टार रजनीकांत को सोमवार को आयोजित समारोह में 51वें दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस मौके पर उनकी पत्नी लता, बेटी ऐश्वर्या, दामाद धनुष भी विज्ञान भवन में मौजूद थे। दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित होने के बाद रजनीकांत ने इसके लिए केन्द्र सरकार का आभार व्यक्त किया।
रजनीकांत ने अपने संबोधन में इस पुरस्कार के लिए अपने गुरु के. बालचंदर, अपने भाई सत्यनारायण राव और अपने ट्रांसपोर्ट ड्राइवर दोस्त राजबहादुर को भी याद किया। उन्होंने अपने दोस्त राजबहादुर को यह अवार्ड समर्पित करते हुए कहा कि जब मैं बस कंडक्टर था तो उसने मेरे अंदर के टैलेंट को पहचाना था। उसने मुझे एक्टिंग के लिए प्रेरित किया।
रजनीकांत ने तमिलनाडु के लोगों का विशेष तौर पर आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मैं उनके बिना कुछ भी नहीं हूं।
उल्लेखनीय है कि रजनीकांत फिल्मों में आने से पहले बस कंडक्टर की नौकरी करते थे। रजनीकांत ने तमिल फिल्म इंडस्ट्री में बालचंदर की फिल्म ‘अपूर्वा रागनगाल’ से एंट्री ली थी। दक्षिण भारतीय फिल्मों के सुपरस्टार रजनीकांत को हीरो बनाने का श्रेय बालाचंदर को ही जाता है।
हिन्दुस्थान समाचार