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DGP से इलाहाबाद हाईकोर्ट का सवाल: 5 हजार करोड़ के फ्रॉड की जांच क्यों न ED या आर्थिक अपराध शाखा को सौंपी जाए?

कोर्ट ने मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव गृह को भी इस केस में विचार करने को कहा है साथ ही अनुपालन रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। याचिका पर अगली सुनवाई 17 जनवरी को होगी।

By इंडिया वॉइस 

Updated Date

प्रयागराज, 05 दिसंबर। जौनपुर की कई योजनाओं में 5 हजार करोड़ के फ्रॉड कर घोटाले की जांच पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (DGP) से पूछा है कि क्यों न राष्ट्रीय हित में जांच ED या फिर आर्थिक अपराध शाखा को सौंपी जाए। कोर्ट ने मामले में केंद्र सरकार के संबंधित विभागों से भी जानकारी मांगी है।

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कोर्ट का कहना है कि स्थानीय पुलिस इतने बड़े घोटाले की जांच करने में सक्षम नहीं है। कोर्ट ने DGP को निर्देश दिया कि निश्चित समय और तारीख तय कर व्हिसलब्लोवर याची को सुन कर उसके प्रत्यावेदन को निश्चित करें। कोर्ट ने मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव गृह को भी इस केस में विचार करने को कहा है साथ ही अनुपालन रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। याचिका पर अगली सुनवाई 17 जनवरी को होगी।

ये आदेश न्यायमूर्ति वीके बिड़ला और एसपी सिंह की खंडपीठ ने कुमारी बाबा बेटी की याचिका पर दिया है। याची ने कहा है कि जौनपुर की कई योजनाओं में हुए 5 हजार करोड़ के फ्रॉड की शिकायत दर्ज कराई है। उसे इस घोटाले में शामिल लोगों की ओर से धमकी दी जा रही है। जांच अधिकारी याची पर समझौते का दबाव डाल रहा है। इसलिए केस की जांच ट्रांसफर की जाए। हालांकि कोर्ट ने जांच ट्रांसफर करने की मांग नामंजूर कर दी और DGP को इस पर फैसला लेने को कहा है।

वहीं मामले में सरकारी वकील का कहना था कि समीक्षा हो रही है। याची बयान दर्ज कराने के लिए हाजिर नहीं हो रही है। जिसपर कोर्ट ने कहा कि याची को धमकी मिल रही है। ऐसे में उसे DGP से मिलने जाते समय सुरक्षा दी जाए। अगर DGP केस ट्रांसफर नहीं करते तो याची को जांच अधिकारी के सामने पेश होने के लिए सुरक्षा मुहैया कराई जाय। कोर्ट ने प्रमुख सचिव गृह को भी याची के आरोपों पर विचार करने का निर्देश दिया है।

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