Niti Aayog Report 2021 : वहीं बता दें कि इस मामले को लेकर नीतीश सरकार ने केंद्र सरकार को एक पत्र लिखा है।
Updated Date
पटना, 13 दिसंबर। नीति आयोग (Niti Aayog) ने हाल ही में अपनी एक रिपोर्ट जारी की थी जिसमें बिहार को गरीब राज्यों की श्रेणी में रखा गया था। रिपोर्ट के सामने आने के बाद से राज्य में सियासी घमासान शुरू हो गया है। एक तरफ जहां विपक्षी दल नितीश सरकार पर हमला बोलना शुरू कर दिया वहीं दूसरी तरफ नितीश सरकार के मंत्री भी नीति आयोग के इस रिपोर्ट पर आपत्ति जाता चुके हैं।
#Bihar का सबसे पीछे होने का कारण बिहार का क्षेत्रफल देश के अन्य राज्यों में 12वें नंबर पर है और आबादी में पूरे देश में तीसरे नंबर पर है। कुछ दिन में ये दूसरे नंबर पर पहुंच जाएगा। सबसे पीछे हैं इसलिए हमने एक रिपोर्ट भेजी है ताकि और विकास हो सके: नीति आयोग रिपोर्ट पर @NitishKumar pic.twitter.com/OaQ1FcsYNE
— India Voice (@indiavoicenews) December 13, 2021
आरोप प्रत्यारोप के इस खेल में अब एक बार फिर नितीश सरकार में मंत्री बिजेंद्र यादव ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने पर जोर दिया है। मंत्री बिजेंद्र यादव ने सोमवार को नीति आयोग की रिपोर्ट पर कहा कि नीति आयोग ने अपने रिपोर्ट में बिहार को देश का सर्वाधिक गरीब राज्य बताया है। इसलिए बिहार को विशेष राज्य का दर्ज मिलना ही चाहिए।
वहीं बता दें कि इस मामले को लेकर नीतीश सरकार ने केंद्र सरकार को एक पत्र लिखा है। मंत्री ने बताया है कि बिहार की प्रति व्यक्ति आय, मानव विकास और जीवन स्तर के मानकों पर राष्ट्रीय औसत से नीचे है। उन्होंने इसके लिए बिहार में प्राकृतिक संसाधनों और जलीय सीमा के अभाव तथा अत्यधिक जनसंख्या घनत्व को जिम्मेदार बताया है। सरकार द्वारा लिखे गए पत्र में यह भी कहा है कि बिहार बाढ़ और सूखा प्रभावित प्रदेश भी है। यहां के आधे से अधिक जिले इन प्राकृतिक आपदाओं की मार झेलते रहते हैं।
नितीश सरकार के मंत्री ने नीति आयोग की ओर से बिहार को गरीब राज्य की श्रेणी में रखे जाने के लिए केन्द्र सरकार को भी जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार ने बिहार में औद्योगिक विकास और तकनीकी शिक्षा की पहल नहीं की, ना हीं यहां पब्लिक सेक्टर की स्थापना की पहल की है। इसके अलावा बिहार हरित क्रांति के लाभ से भी वंचित रहा। इस कारण यहां कृषि का भी संतोषजनक विकास नहीं हुआ है।
उल्लेखनीय है कि बिहार में सत्ताधारी दल के नेता बिहार में जातीय जनगणना और बिहार को विशेष राज्य के दर्जा देने के मुद्दे पर हमेशा आमने सामने रहते हैं। बिहार में जदयू (JDU) दोनों मुद्दों पर की मांग के पक्ष में रहता है। तो वहीं भाजपा का इन मुददों पर कहना है कि जातीय जनगणना बिहार में तकनीकि रुप से संभव नहीं है। बिहार को विशेष पैकेज मिल ही रहा है तो फिर बिहार को विशेष राज्य के दर्जे की जरूरत नहीं है।
और पढ़ें – Bihar : Niti Aayog की रिपोर्ट में शिक्षा के क्षेत्र में देश के टॉप 5 जिलों में बिहार के 4 जिले शामिल
Bihar News : नीति आयोग की रिपोर्ट पर बिहार सरकार के उर्जा मंत्री ने जताई आपत्ति