रेड के दौरान पटना स्थित आवास की तलाशी के दौरान लगभग 60 लाख रुपए नगद, 32 लाख रुपए का एक फ्लैट का दस्तावेज, पत्नी सुनिता के नाम पर 5.5 लाख रुपये का एक प्लॉट, 1.5 करोड़ रुपये का 2.5 कट्ठा जमीन सहित करोड़ों की बेनाम संपत्ति का पता चला है।
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पटना, 17 दिसंबर। विशेष निगरानी इकाई (SVU) पटना ने समस्तीपुर के सब-रजिस्ट्रार मणिरंजन के खिलाफ आय से अधिक सम्पत्ति जमा करने के मामले में 3 जगह पटना, मुजफ्फरपुर और समस्तीपुर में शुक्रवार को छापेमारी की। रेड के दौरान पटना स्थित आवास की तलाशी के दौरान लगभग 60 लाख रुपए नगद, 32 लाख रुपए का एक फ्लैट का दस्तावेज, पत्नी सुनिता के नाम पर 5.5 लाख रुपये का एक प्लॉट, 1.5 करोड़ रुपये का 2.5 कट्ठा जमीन सहित करोड़ों की बेनाम संपत्ति का पता चला है।
करोड़ों की बेनाम संपत्ति का खुलासा
SVU ने शुक्रवार को सुबह 8 बजे पटना के बिस्कोमान भवन के पास स्थित फ्लैट, मुजफ्फरपुर के पैगंबरपुर स्थित पैतृक आवास और समस्तीपुर के आवास पर एक साथ रेड मारी। इसमें लाखों रुपये नकदी, ससुर के नाम पटना में एक फ्लैट का पता चला। अर्जित सम्पत्ति में कई लाख की ज्वेलरी, फिक्स डिपोजिट, भारतीय जीवन बीमा एवं रियल इस्टेट एवं अन्य में निवेश के प्रमाण मिले है।
अर्जित की गई सम्पत्ति आरोपों से लगभग दोगुना
इसके साथ ही SBI, ICICI बैंक, इंडियन बैक, सेन्ट्रल बैक, स्टैंर्ड चार्टड बैक में कई फिक्स डिपोजिट, प्रीमियम 5 लाख रुपये भारतीय जीवन बीमा, टाटा फायनांस, ICICI, HDFC में और रियल इस्टेट एवं अन्य में निवेश के प्रमाण मिले है। मिले कागजातों से प्रथम दृष्ट्या प्राथमिकी में लगाए गए आरोप की पुष्टि होने के साथ ये भी पता चला है कि उनके द्वारा अर्जित की गई सम्पत्ति लगाये गये आरोप से लगभग दोगुना है।
लाखों की गाड़ियां और प्रॉपर्टी बरामद
सब-रजिस्ट्रार के समस्तीपुर आवास से भी 1.5 लाख नकदी, 8 लाख रुपये का कागजात, वाहनों में स्कार्पियो, मनजा कार, हॉन्डा ऑमेज, टाटा नैक्सॉन मिले हैं। उसके मुजफ्फपुर आवास से 12 लाख नकदी बरामद और बह्मपुरा में करोड़ों रुपये के 21 कमरे का बिनायक होटल 2019 से बन रहा है जो फाइनल स्टेज में है। इसके अलावा 22 लाख की दुकान, जिसमें 2 सैलून चल रहे हैं। एक कम्पनी जगुसाह नाम से चल रहा है। कटिहार में 3 प्लॉट और 3 दुकान जहां वो पदस्थापित थे, वहां करोड़ों रुपये का पत्नी और रिश्तेदारों के साथ निवेश, फर्जी कम्पनी बनाकर काले कमाई का वैद्य किये जाने की कोशिश भी की है। यहां तक कि ड्राइवर के नाम इनकम टैक्स रिटर्न 2 लाख रुपए भरते आ रहे है।
मिली जानकारी के मुताबिक अबतक इस बात के प्रमाण मिले हैं कि सब-रजिस्ट्रार ने अपने और अपने परिजनों के नाम करोड़ों रुपये का निवेश किया है। सबसे अधिक निवेश उनके कटिहार पदस्थापन के दौरान किया गया है, जिसपर अनुसंधान किया जायेगा। अग्रतर अनुसंधान में कई अवैध धनार्जन से सम्बन्धित जानकारी मिलने की संभावना है।
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