वाराणसी। यूपी के वाराणसी जिले में गंगा के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए नावों का संचालन रोक दिया गया है। शाम पांच के बाद कोई भी नाव गंगा में नहीं चलेगी। यह आदेश जलस्तर सामान्य होने तक प्रभावी रहेगा।
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जल पुलिस के प्रभारी मिथिलेश यादव ने बताया कि नाविक समाज के साथ बैठक और उनकी मांग पर ही यह निर्णय लिया गया है। बताया कि गंगा आरती के वक्त नावों पर भीड़ बढ़ जाती है। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ही नौकायन पर रोक लगाई गई है। जलस्तर भी अभी तीन सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है। गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है।
गुरुवार को भी रात आठ बजे तक गंगा बैराज कानपुर से 2,63,940 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। यह पानी 24 जुलाई तक वाराणसी पहुंचेगा। इससे जलस्तर में बेतहाशा बढ़ोतरी की संभावना है। बताया जाता है कि गंगा बैराज से जो पानी पहले छोड़ा गया, वह धीरे-धीरे पहुंच रहा है। इसी का नतीजा रहा कि दशाश्वमेध घाट की विश्व प्रसिद्ध आरती का स्थल दोबारा बदल गया। दस फीट और पीछे आरती करनी पड़ी है। अब चौकियों पर खड़े होकर आरती की जा रही है।
गंगा का जलस्तर तीन सेंटीमीटर प्रति घंटा बढ़ रहा
केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक गंगा का जलस्तर तीन सेंटीमीटर प्रति घंटा बढ़ रहा है। इस समय जलस्तर 63.84 मीटर है। चेतावनी बिंदु 70.262 मीटर है। खतरे का निशान 71.262 मीटर है। गंगा चेतावनी बिंदु से दूर है, लेकिन डरा रही है। क्योंकि प्रयागराज, हमीरपुर और फतेहपुर के रास्ते वाराणसी की तरफ यमुना का पानी भी आ रहा है।
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यमुना इस बार उफनाई है। गंगा का पानी भी लगातार छोड़ा जा रहा है। दशाश्वमेध घाट, राजेंद्र प्रसाद घाट, शीतला प्रसाद घाट के साथ ही अस्सी घाट, मीरघाट, अहिल्याबाई घाट, तुलसीघाट पर कर्मकांड कराने वाले पंडों व पुरोहितों की छतरी वाली जगह भी जलमग्न हो गई हैं। घाटों की सभी सीढि़यां डूब चुकी हैं।