बसपा सुप्रीमों ने केन्द्र सरकार से पुन: अपील किया है कि किसान समाज के प्रति उचित सहानुभूति एवं संवेदनशीलता दिखाते हुए तीनों विवादित कृषि कानूनों को वापस कर ले
कृषि क़ानून के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों को लगभग दस महीने हो चुके हैं सरकार और किसानों के बीच अभी तक कोई मध्यस्थता होती नहीं दिखाई दे रही है इसी बीच किसान महापंचायतों और प्रदर्शनों का दौर जारी है, किसानों ने इसी बीच 27 सितम्बर को भारत बंद करने का ऐलान किया है , इस ऐलान के बाद सभी राजनितिक दल अपनी अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं
बहुजन समाज पार्टी(बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने रविवार को एक ट्वीट के जरिये कहा है कि केंद्र द्वारा जल्दबाजी में बनाए गए तीन कृषि कानूनों से किसान असमत और दुखी है। देश के किसान इनकी वापसी की मांग को लेकर लगभग 10 महीने से पूरे देश और विशेष रूप से दिल्ली के आसपास के राज्यों में आंदोलनरत हैं। बसपा 27 सितम्बर को किसानों के भारत बंद के शांतिपूर्ण आयोजन को समर्थन करती है।
इसके साथ ही बसपा सुप्रीमों ने केन्द्र सरकार से पुन: अपील किया है कि किसान समाज के प्रति उचित सहानुभूति एवं संवेदनशीलता दिखाते हुए तीनों विवादित कृषि कानूनों को वापस कर ले तथा आगे किसानों के उचित सलाह, मशिवरा और इनकी सहमति से नया कानून लाए, ताकि इस समस्या का समाधान हो। कहाकि ‘किसान खुश और खुशहाल तो देश खुश और खुशहाल।