मायावती ने प्रश्न के उत्तर में कहा कि जिनमें घबराहट होती है, वही तेजी से भीड़ जुटाने और रैलियां करने में लगे हैं।
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लखनऊ, 23 दिसम्बर। हाल ही में वोटर कार्ड को आधार कार्ड से जोड़ने का बिल (Election Law Amendment Bill) संसद से पास हुआ है। ऐसे में जहां एक तरफ कुछ राजनीतिक दल इस बिल के समर्थन में थें वहीं इस बिल को लेकर कई राजनीतिक पार्टियां अपना विरोध दर्ज करा चुकी हैं। समर्थन और विरोध के इस खेल में आज एक नया बयान बसपा सुप्रीमो मायावती का आया है।
बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने गुरुवार को पत्रकार वार्ता करते हुए चुनाव कानून संशोधन बिल पर ऐतराज जताते हुए बड़ी बात कही है। पत्रकारों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मतदाता को आधार से जोड़ने का फैसला जल्दबाजी में हो रहा है। इस फैसले को लेने से पहले दोनों सदनों में खुलकर बहस होनी चाहिए थी।
बसपा अध्यक्ष ने कहा कि वर्तमान केंद्र सरकार आधार कार्ड से मतदाता को जोड़ने की योजना जल्दबाजी में कर रही है और जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बसपा केंद्र सरकार के इस फैसले का विरोध करती है।
मायावती ने कांग्रेस और भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि जब कांग्रेस की सरकार होती है तो वह फोन टैपिंग जैसी चीजें और जब भाजपा की सरकार होती है तो वह फोन टैपिंग जैसे मामलों में संलिप्त होने का आरोप एक दूसरे पर लगाते हैं। इसमें कितनी सत्यता है यह कोई कह नहीं सकता।
आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर बसपा की ओर से हो रही तैयारियों के बारे में जब सवाल किया गया तो मायावती ने प्रश्न के उत्तर में कहा कि जिनमें घबराहट होती है, वही तेजी से भीड़ जुटाने और रैलियां करने में लगे हैं। बसपा को जब रैली करनी होगी तो सभी को पता चल जाएगा।
उन्होंने अपनी पार्टी के आगामी योजना पर कहा कि बसपा के कार्यकर्ता बूथ स्तर पर जनता को पुरानी सरकारों के कार्यों को बता रहे हैं और पार्टी को मजबूत करने की योजना में जुटे हैं। निश्चित ही 2007 की तरह 2022 में भी बसपा पावर में आएगी।
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