आपको बता दें कि सीएम सोरेन ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा था कि भाजपा के कार्यकाल में जेपीएससी की एक भी परीक्षा नहीं ली जा सकी। इसके पहले भी भाजपा के शासन काल के दौरान ही जेपीएससी परीक्षाओं में कई बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई थी।
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जेपीएससी पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। झारखण्ड सरकार पर विपक्ष लगातार हमलावर है। इसी बीच सीएम हेमंत सोरेन ने जेपीएससी को लेकर एक बयान दिया, जिस पर झारखण्ड में सियासत गर्म होती नज़र आ रही है।
सोमवार को विधानसभा में इस मुद्दे को लेकर ज़ोरदार हंगामा हुआ विधायकों ने मांग किया कि मुख्यमंत्री सदन में आकर अपनी बात रखें। जिस पर सदन में इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जवाब दिया और कहा कि परीक्षा में सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं है। पहली बार जेपीएससी पीटी में बड़े पैमाने पर आदिवासी, दलित और पिछड़े छात्र सफल हुए हैं, तो मनुवादियों के पेट में दर्द हो रहा है, ऐसे ही लोग आंदोलन को हवा दे रहे हैं।
उसके बाद फिर से हंगामे का दौर शुरू हुआ, थोड़ी देर बाद माहौल शांत होने के बाद सीएम सोरेन ने विपक्ष पर ही हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा के कार्यकाल में जेपीएससी की एक भी परीक्षा नहीं ली जा सकी। इसके पहले भी भाजपा के शासन काल के दौरान ही जेपीएससी परीक्षाओं में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई थी, जिसमें आयोग के अध्यक्ष तक को जेल जाना पड़ा। पहली बार हमारी सरकार नियुक्ति प्रक्रिया को तेज करने की कोशिश कर रही है, तब इस मुद्दे पर भाड़े के लोगों को बुलाकर आंदोलन का दिखावा किया जा रहा है। जेपीएससी अपने निर्णयों के लिए स्वतंत्र है। उसके कार्यों में हमारी सरकार का कोई हस्तक्षेप या दबाव नहीं है।
इस बयान पर झारखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबू लाल मरांडी ने भी ट्वीट कर के विरोध दर्ज किया है। उन्होंने लिखा है कि, JPSC के मामले पर अपनी नाकामी और भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए सीएम हेमंत सोरेन अब अनर्गल और बेतुका बयान दे रहे हैं। जब इनके नियुक्ति वर्ष और नौकरियों के वादे फुस्स हो गए, भ्रष्टाचार उजागर हो गया तो विरोध करने वालों को मनुवादी और विहिप के लोग बता बैठे।
जबकि सच ये है कि सरकार छात्र आंदोलनों को दबाने के लिए तरह-तरह के षड़यंत्रों में जुटी है। अपनी विफलताओं पर पर्दा डालने और जेपीएससी के भ्रष्ट अध्यक्ष को बचाने में जुटी है। जब सब कुछ साफ और पारदर्शी है तो सीबीआई जांच से डर कैसा? मतलब साफ है भ्रष्टाचार और साजिशों की जड़े काफी गहरी है।
सरकार छात्र आंदोलनों को दबाने के लिए तरह-तरह के षड़यंत्रों में जुटी है।
अपनी विफलताओं पर पर्दा डालने और जेपीएससी के भ्रष्ट अध्यक्ष को बचाने में जुटी है।
जब सबकुछ साफ और पारदर्शी है तो सीबीआई जांच से डर कैसा?
मतलब साफ है भ्रष्टाचार और साजिशों की जड़े काफी गहरी है।#CBI4JPSC
(2/2)— Babulal Marandi (@yourBabulal) December 21, 2021
इसके बाद झारखण्ड में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने भी ट्वीट कर के विरोध दर्ज किया है। उन्होंने लिखा है, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधानसभा में दिए बयान से यह साफ हो चुका है कि JPSC में बहुत बड़ा घोटाला हुआ है जिसके तार सीधे सरकार से जुड़े हैं। मुख्यमंत्री ने अपने बयान में गड़बड़ियों के बारे में सफाई न देकर सिर्फ इधर-उधर की बातें कर मुद्दे को भटकाने का काम किया है।
मुख्यमंत्री @HemantSorenJMM जी के विधानसभा में दिए बयान से यह साफ हो चुका है कि JPSC में बहुत बड़ा घोटाला हुआ है जिसके तार सीधे सरकार से जुड़े हैं.
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मुख्यमंत्री जी ने अपने बयान में गड़बड़ियों के बारे में सफाई न देकर सिर्फ इधर उधर की बातें कर मुद्दे को भटकाने का काम किया है.
— Deepak Prakash (@dprakashbjp) December 21, 2021