27 राज्यों में छह सबसे कम बेरोजगारी दर वाले राज्यों में उत्तराखंड.
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Unemployment Rate In Uttarakhand : उत्तराखंड (Uttarakhand) में बेरोजगारी दर को लेकर सीएमआईई ने हाल ही में एक आंकड़ा जारी किया है। सीएमआईई द्वारा जारी आंकड़े में बताया गया है कि उत्तराखंड में बेरोजगारी दर पिछले 11 महीनों की अपेक्षा मौजूदा समय में सबसे कम है। आपको बता दें कि पिछले दो महीने में राज्य की बेरोजगारी दर 3.3 % से घटकर 3.1 % हो गई है। यानी कि रिपोर्ट के अनुसार पिछले दो महीनों में राज्य में बेरोजगारी दर कम हुई है।
वहीं बता दें कि बेरोजगारी दर को लेकर यह आकड़ा हर महीने बेरोजगारी दर के आंकड़े जारी करने वाली संस्था (CMIE) यानी ‘सेंटर फॉर मानिटरिंग इंडिया इकानॉमी प्राइवेट लिमिटेड‘ ने किया है। आपको बता दें कि एजेंसी की वेबसाइट पर दर्ज आंकड़ो के मुताबिक अगस्त महीनों में सबसे अधिक 6.2% बेरोजगारी दर थी, जिसमें लगातार कमी दर्ज की गई है।
बेरोजगारी दर को लेकर सीएमआईई ने कुल 27 राज्यों के जो आंकड़े जारी किए है उनमें उत्तराखंड 5 वें सबसे कम बेरोजगारी वाले राज्यों में शामिल है। उत्तराखंड के आलावा इन 5 राज्यों की लिस्ट में उड़ीसा, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और कर्नाटक शामिल हैं। उत्तराखंड में नवंबर महीने में जहाँ 3.1 % बेरोजगारी दर आंकी गई वहीं उड़ीसा में नवंबर महीने में सबसे कम बेरोजगारी दर 0.6 % रही। वहीं बात करें गुजरात की तो गुजरात में बेरोजगारी दर 1.4 %, छत्तीसगढ़ की बेरोजगारी दर 1.8% और कर्नाटक में 2.8% बेरोजगारी दर दर्ज की गई।
CMIE द्वारा जारी नवंबर महीने के आंकड़ों के मुताबिक कुल 27 राज्यों में सबसे ज्यादा बेरोजगारी दर हरियाणा में दर्ज की गई है। बता दें कि हरियाणा की बेरोजगारी दर सबसे अधिक 29.3% की रही है, जबकि वहीं हरियाणा के आलावा पड़ोसी राज्य हिमाचल में भी 13.6% बेरोजगारी दर आंकी गई है। इतना ही नहीं हरियाणा के आलावा सीएमआईई के द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक नवंबर महीने में हरियाणा के बाद सबसे अधिक बेरोजगारी जम्मू और कश्मीर और राजस्थान में दर्ज की गई। जम्मू और कश्मीर में जहाँ बेरोजगारी दर 21.4% रही वहीं राजस्थान की बेरोजगारी दर 20.4% रही।
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राज्यों के बेरोजगारी दर के आलावा अगर हम बात करें राष्ट्रिय स्तर पर बेरोजगारी दर की तो, नवंबर महीने में राष्ट्रीय स्तर पर भी बेरोजगारी दर में 0.8% की कमी दर्ज की गई है। बता दें कि अक्तूबर महीने में जहाँ देश में 7.8% बेरोजगार थे वहीं नवंबर महीने तक यह घटकर 7% रह गया।
अगले वर्ष 2022 में होने वाले विधान सभा चुनाव में सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा बेरोजगारी ही है। ऐसे में चुनाव से ठीक पहले बेरोजगारी को लेकर इस तरह के आंकड़े आने से कहीं न कहीं उत्तराखंड की धामी सरकार को फायदा मिल सकता है। आपको बता दें कि प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार भी इन दिनों रोजगार के मुद्दे पर भारी दबाव में है।
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बता दें कि धामी सरकार को 24 हजार सरकारी नौकरियां खोलनी पड़ी हैं। जैसे जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं कांग्रेस और आम आदमी पार्टी समेत सभी विपक्षी दल धामी सरकार पर बेरोजगारी की समस्या का समाधान न करने का आरोप लगा रहे हैं। सभी राजनीतिक दलों के चुनाव घोषणा पत्र में बेरोजगारी सबसे प्रमुख मुद्दे के तौर पर शामिल होने वाला है। ऐसे में चुनाव से ठीक पहले यह आंकड़े कहीं न कहीं प्रदेश की धामी सरकार को बड़ी राहत दे सकती है।
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