नई दिल्ली। कोयला मंत्रालय ने 11 सितंबर को उन खदानों की स्थिति की समीक्षा के लिए बैठक की। जिनकी नीलामी विभिन्न चरणों में की गई है और प्रक्रिया पूरी होने के विभिन्न चरणों में है। बैठक की अध्यक्षता कोयला मंत्रालय की अतिरिक्त सचिव एवं नामित प्राधिकारी श्रीमती रूपिंदर बराड़ ने की। व्यापक समीक्षा घरेलू कोयला उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को उजागर करने पर केंद्रित थी।
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अतिरिक्त सचिव ने आवंटियों को उन कोयला ब्लॉकों को चालू करने के लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए प्रेरित किया जो परिचालन के उन्नत चरण में हैं।71 कोयला ब्लॉक नियामक मंजूरी प्राप्त करने के विभिन्न चरणों में हैं। ये ब्लॉक नौ राज्यों में वितरित हैं: अरुणाचल प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा और पश्चिम बंगाल।
यह रणनीतिक समीक्षा भारत की बढ़ती ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए कोयला ब्लॉकों के संचालन में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए मंत्रालय के सक्रिय दृष्टिकोण को रेखांकित करती है। इन खदानों पर ध्यान केंद्रित करके, सरकार का लक्ष्य घरेलू संसाधनों को अधिकतम करना और कोयला आयात पर निर्भरता कम करना है।कोयला मंत्रालय घरेलू कोयला उत्पादन में वृद्धि के माध्यम से भारत की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने और सतत आर्थिक विकास की दिशा में देश के मार्ग का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है।