डॉ पॉल ने कोरोना वायरस के बदलते स्वरूप पर चिंता जाहिर करते हुए टीकों को आवश्यकतानुसार संशोधित करने में सक्षम होना होगा। ये हर 3 महीने में नहीं हो सकता है, लेकिन ये हर साल हो सकता है।
नई दिल्ली, 14 दिसंबर। कोरोना के नए वेरियंट ओमिक्रॉन के खतरे के बीच नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल ने मंगलवार को कहा कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए हमें ऐसा वैक्सीन प्लेटफॉर्म विकसित करना चाहिए जो वायरस की बदलती प्रकृति के साथ अनुकूल हो।
मंगलवार को उद्योग निकाय कंफडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (CII) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कोरोना टास्क फोर्स के प्रमुख डॉ. वीके पॉल ने हर साल टीकों में संशोधन करने की बात कही। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के बदलते स्वरूप में टीके को भी और प्रभावी बनाने की जरूरत है। डॉ पॉल ने कोरोना वायरस के बदलते स्वरूप पर चिंता जाहिर करते हुए टीकों को आवश्यकतानुसार संशोधित करने में सक्षम होना होगा। ये हर 3 महीने में नहीं हो सकता है, लेकिन ये हर साल हो सकता है।
गौरतलब है कि देश में ओमिक्रॉन के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ये डेल्टा संस्करण की तुलना में अधिक तेजी से फैलता है। ये विश्व के कई देशों में तेजी से फैल रहा है। भारत में भी अब तक 61 मामले सामने आ चुके हैं।
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