लगभग 33101.89 हेक्टेयर में लगी फसलों की क्षति हुई है।
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मोतिहारी,12 अक्टूबर। पूर्वी चंपारण जिले में इस साल बाढ़, अतिवृष्टि और जलजमाव से किसानों के खरीफ फसल को भारी क्षति हुई है। सरकारी अनुमान के मुताबिक जिले के लगभग 33101.89 हेक्टेयर में लगी फसलों की क्षति हुई है। वहीं लगभग 11979.72 हेक्टेयर भूमि में खेती नहीं हो सकी।
इस प्रकार बाढ़ और जलजमाव से प्रभावित 45081.61 हेक्टेयर भूमि में लगभग 56 करोड़ 19 लाख 26 हजार 286 रुपये के फसल क्षति का अनुमान लगाया गया है। इस आशय का रिपोर्ट आपदा प्रबंधन विभाग ने राज्य सरकार को भेजा है। बाढ़ के पानी हटने के बाद गत 30 सितम्बर से 4 अक्टूबर तक जिले मे अतिवृष्टि ने तैयार फसलों को भी व्यापक क्षति पहुंचाया है।
आपदा प्रबंधन विभाग के रिपोर्ट के अनुसार जिले में बाढ़ और जलजमाव से फसल क्षति के साथ लाखों की आबादी भी प्रभावित हुई है। बताया गया है कि जिले के 22 प्रखंडों में बाढ़ और जलजमाव से फसल क्षति के साथ साथ वहाँ की बड़ी आबादी भी प्रभावित हुई है। बाढ़ और जलजमाव से कच्चा-पक्का मकान भी क्षतिग्रस्त हुए हैं। इसमें कच्चा मकान ‘पूर्ण रूप से कुल 26 और आंशिक रूप से 87 क्षतिग्रस्त हुए हैं’।
6 लाख 26 हजार 601 जनसंख्या बाढ़ से प्रभावित
अरेराज, संग्रामपुर, केसरिया, सुगौली, बंजरिया, चिरैया, मोतिहारी, पिपराकोठी, पकड़ीदयाल, तेतरिया, मधुबन,चकिया, तुरकौलिया, हरसिद्धि, मेहसी, पहाड़पुर, छौड़ादानो, कल्याणपुर, पताही, फेनहारा, ढाका और कोटवा प्रखंडो के 6 लाख 26 हजार 601 जनसंख्या बाढ़ से प्रभावित हुई है। इसके अलावा 5882 पशु भी बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।
आपको बता दें कि ‘आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से कराये गये सर्वे के बाद कुल 1 लाख 32 हजार 787 परिवारों के बीच 6 हजार रुपये की दर से 79 करोड़ 67 लाख 22 हजार रुपये वितरित किये गये हैं’। आपदा प्रबंधन पदाधिकारी अनिल कुमार ने बताया कि बाढ़ और अनसून एरिया से प्रभावित फसल के क्षति का आकलन कर राज्य सरकार को रिपोर्ट भेज दी गयी है। राज्य सरकार से निर्देश मिलने पर अग्रतर कार्रवाई की जाएगी।