नई दिल्ली। ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों की सांस्कृतिक परंपराओं, लोक कलाओं को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने सात क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र (जेडसीसी) स्थापित किए हैं, जिनका मुख्यालय पटियाला, नागपुर, उदयपुर, प्रयागराज, कोलकाता, दीमापुर और तंजावुर में है। यह जानकारी केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने गुरुवार को राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
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उन्होंने बताया कि ये केंद्र पूरे देश में पूरे वर्ष विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियों और कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं जिसके लिए उन्हें वार्षिक अनुदान सहायता प्रदान की जाती है। इस संबंध में ये सांस्कृतिक केंद्र कई योजनाएं जैसे युवा प्रतिभाशाली कलाकारों को पुरस्कार, गुरु शिष्य परंपरा, थिएटर कायाकल्प, अनुसंधान और प्रलेखन, राष्ट्रीय सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम, ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों की सांस्कृतिक परंपराओं, लोक कलाओं और लुप्त हो रहे गीतों को बढ़ावा देने के लिए लागू करते हैं।
इसके अलावा सांस्कृतिक संसाधन और प्रशिक्षण केंद्र (सीसीआरटी), ललित कला अकादमी (एलकेए) और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) भी ओरिएंटेशन पाठ्यक्रम, विषयगत कार्यशालाएं, व्याख्यान प्रदर्शन, भारतीय भाषाओं पर व्यावहारिक कक्षाएं, आदिवासी शिविर जैसी विभिन्न गतिविधियां आयोजित करते हैं।
इसके अलावा जनजातीय कार्य मंत्रालय (एमओटीए), भारत सरकार राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों में अपने जनजातीय अनुसंधान संस्थानों (टीआरआई) को संरक्षण के लिए उनके द्वारा शुरू की गई परियोजनाओं व गतिविधियों के लिए “टीआरआई को समर्थन” योजना के तहत वित्तीय सहायता भी प्रदान करती है। झारखंड सहित पूरे देश में विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियों और कार्यक्रमों को आयोजित करने के लिए सभी ZCC को अनुदान सहायता जारी की जाती है।