NCRB के साल 2020 के अध्याविधिक आंकड़ों के मुताबिक, महिला संबंधी अपराधों में दोष साबित 8,386 केस पर कार्रवाई के साथ उत्तर प्रदेश देश में पहले स्थान पर है।
लखनऊ, 16 सितम्बर। उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर विपक्ष भले ही राज्य सरकार को आड़े हाथों लेता रहता है। लेकिन आकड़ों के मुताबिक योगी सरकार की अपराध और भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति की बदौलत प्रदेश में अपराध न्यूनतम स्तर पर है। योगी सरकार के कार्यकाल में अपराधों में गिरावट का सिलसिला लगातार जारी है। उत्तर प्रदेश अपराधियों के खिलाफ एक्शन लेने में देश में अव्वल स्थान पर है। महिला संबंधी अपराधों की रोकथाम और अपराधियों पर कार्रवाई को लेकर राज्य सरकार बेहद गंभीर है। इसी के चलते उप्र. देश के कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सामने पहले स्थान पर है।
NCRB के साल 2020 के अध्याविधिक आंकड़ों के मुताबिक, महिला संबंधी अपराधों में दोष साबित 8,386 केस पर कार्रवाई के साथ उत्तर प्रदेश देश में पहले स्थान पर है। साइबर अपराधों में 642 दोष सिद्ध के साथ प्रथम स्थान पर है। इसी तरह शीलभंग में 9 प्रतिशत क्राइम रेट के साथ 16वां और पॉक्सो अधिनियम के मामलों में 8.1 प्रतिशत क्राइम रेट के साथ 24वां स्थान था। महिला संबंधी अपराध में राज्य का स्थान 16वां था। इससे साफ होता है कि देश के कई राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों की तुलना में उत्तर प्रदेश में अपराध नियंत्रित स्थिति में है।
डकैती के मामलों में यूपी का 25वां स्थान
क्राइम इन इण्डिया-2020 के मुताबिक भारत में इस साल कुल 42,54,356 IPC के तहत अपराध दर्ज किए गए, जिनमें से 3,55,110 आईपीसी के अपराध उत्तर प्रदेश में घटित हुए। ये पूरे भारत का क्राइम रेट 314.3 के सापेक्ष प्रदेश का क्राइम रेट 155.1 है। देश में घटित भारत दंड विधान के कुल अपराधों में उप्र का कई राज्यों और केन्द्र शासित राज्यों के सापेक्ष 24वां स्थान है। जबकि जनसंख्या के आधार पर उप्र की आबादी 16.89 प्रतिशत है।
NCRB के अध्याविधिक आंकड़ों के मुताबिक, साल 2020 में देश के कुल 37 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में घटित कई अपराधों के तहत डकैती के मामलों में 0.1 प्रतिशत क्राइम रेट के साथ उत्तर प्रदेश का 25वां स्थान है।
4.54 लाख गिरफ्तारियों के साथ यूपी दूसरे स्थान पर
साथ ही भारतीय दंड विधान के अपराधों में गिरफ्तार अपराधियों में से 1,30,454 के दोष सिद्धि के साथ दूसरे स्थान पर, अधिनियम के अपराधों में गिरफ्तार अभियुक्तों का दोष साबित की संख्या 7,84,784 के साथ तीसरे स्थान पर, 94.1 करोड़ की सम्पत्ति की बरामदगी में चौथवां स्थान, 37,616 हथियारों की बरामदगी में पहला स्थान है। इसके अलावा भारतीय दंड विधान में 4,54,485 गिरफ्तारी संग दूसरे स्थान पर और जाली मुद्रा जब्तीकरण में 55 अपराध पंजीयन के साथ तीसरे स्थान पर है।
हिन्दुस्थान समाचार