साल 2010 में IAS परीक्षा में टॉप करने वाले शाह फैसल ने जनवरी 2019 में अपने पद से त्यागपत्र देकर राजनीतिक पार्टी जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट का गठन किया था।
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जम्मू, 09 अक्टूबर। पूर्व IAS अधिकारी शाह फैसल को जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा का सलाहकार बनाए जाने की चर्चा जोरों पर चल रही है। साल 2010 में IAS परीक्षा में टॉप करने वाले शाह फैसल ने जनवरी 2019 में अपने पद से त्यागपत्र देकर राजनीतिक पार्टी जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट का गठन किया था। जम्मू-कश्मीर में 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 समाप्त होने के बाद उन्हें दिल्ली हवाई अड्डे से उस समय हिरासत में लिया गया था, जब वो तुर्की जा रहे थे।
शाह फैसल को सलाहकार बनाने की चर्चा ऐसे समय में हो रही है, जब कश्मीर घाटी में पिछले लगभग 7 दिनों में आतंकी घटनाओं में 7 नागरिक मारे गए हैं, जिनमें से 4 अल्पसंख्यक समुदाय से संबधित हैं। कुछ दिन पहले ही बसीर खान अहमद को उपराज्यपाल के सलाहकार के पद से अचानक हटा दिया गया था। बढ़ती आतंकी घटनाओं और अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को फिर से निशाना बनाये जाने को लेकर जम्मू-कश्मीर सहित पूरे देश में आक्रोश और जम्मू संभाग में इसके विरोध में धरने प्रदर्शन भी हो रहे हैं। आतंकवाद को पंजाब के आतंकवाद की तर्ज पर कुचलने की मांग उठाई जा रही है।
शाह फैसल IAS में टॉप करने वाले जम्मू.कश्मीर के पहले युवक हैं। शाह जम्मू-कश्मीर में कई अहम पदों पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं। कश्मीर में हत्याओं के विरोध में शाह फैसल ने 9 जनवरी, 2019 को ये कहते हुए त्यागपत्र दिया था कि केंद्र सरकार हत्याओं को रोकने के लिए गंभीरता से काम नहीं कर रही है। हालांकि अगस्त 2019 में केन्द्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया।
इस दौरान कई नेता हिरासत में लिये गए और उन पर पब्लिक सेफ्टी एक्ट भी लगाया गया। शाह फैसल भी उस समय तुर्की जाने के लिए दिल्ली रवाना हुए थे, लेकिन उन्हें हवाई अड्डे पर हिरासत में ले लिया गया और बाद में उन पर पब्लिक सेफ्टी एक्ट लगा दिया गया था। इसके बाद शाह फैसल ने अचानक राजनीति छोड़ने का ऐलान कर दिया था।
हिन्दुस्थान समाचार