यह समाज को समझना होगा। मैंने तय किया कि ऐसी योजना बने, जिससे बेटी बोझ न मानी जाए, इससे ही लाडली लक्ष्मी योजना अस्तित्व में आई। इस योजना के लिए हमने 47 हजार 200 करोड़ रुपये सुरक्षित कर दिया।
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मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि लाडली लक्ष्मी योजना केवल योजना नहीं है, यह समाज का दृष्टिकोण बदलने का प्रयास है। बेटियों के बिना परिवार, समाज और राष्ट्र नहीं चल सकता है, यह समाज को समझना होगा। मैंने तय किया कि ऐसी योजना बने, जिससे बेटी बोझ न मानी जाए, इससे ही लाडली लक्ष्मी योजना अस्तित्व में आई। इस योजना के लिए हमने 47 हजार 200 करोड़ रुपये सुरक्षित कर दिया।
मुख्यमंत्री चौहान गुरुवार को राजधानी भोपाल के मिंटो हॉल में आयोजित ‘लाडली लक्ष्मी उत्सव’ को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में उन्होंने सिंगल क्लिक के माध्यम से प्रदेश की 21,550 लाडलियों के खातों में 5.99 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति का अंतरण किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि आनंदमूर्ति गुरु मां मंच पर मौजूद रहीं। उन्होंने लाडलियों को ‘लाडली लक्ष्मी योजना’ के आश्वासन पत्र, छात्रवृत्ति एवं प्रमाण पत्र तथा उनके नाम मामा (सीएम) का संदेश भेंट किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक तरफ मां-बहन और बेटियों के सम्मान की पराकाष्ठा है तो दूसरी तरफ इनके साथ भेदभाव भी देखते हैं, जो मन को पीड़ा देता है। भारतीय संस्कृति में तो मां-बहन और बेटियों को उच्च स्थान दिया गया है। कहते हैं, जहां महिलाओं का सम्मान होता है, वहां भगवान निवास करते हैं। मैं मानता हूं कि मेरी बेटियों में देवी माता का वास है। मेरी बहनों में देवी माता का वास है। आप सबमें देवी माता का वास है। मैं समस्त शक्ति स्वरूपा मां, बहन, बेटियों को महानवमी के पावन अवसर पर प्रणाम करता हूं।
उन्होंने कहा, हमने तय किया है कि लाडली को जन्म के समय ही प्रमाण पत्र दे दिया जाएगा, उनका 10 प्रतिशत टीकाकरण होगा, उन्हें एनीमिया से मुक्त करना है और उनके पोषण का ध्यान रखना है। हमारी ग्राम पंचायतों को बेटियों के जन्म की संख्या के आधार पर लाडली लक्ष्मी फ्रेंडली ग्राम पंचायत घोषित करेंगे। माता-पिता से आग्रह है कि बेटियों पर दबाव मत डालना कि यह बनो या वह बनो। वह जो बनना चाहें, उन्हें बनने देना। ये बेटियां बहुत ऊपर जाएंगी और प्रदेश का और आपका भी नाम रोशन करेंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा, आज मुझे कहते हुए खुशी है कि हमने लाडलियों के कल्याण के लिए 47 हजार 200 करोड़ रुपये सुरक्षित रख दिए हैं, जो समय-समय पर इन्हें मिलना है। भाव यही था कि बेटियां बोझ न बनें, वरदान बन जाएं। उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री बनते ही मैंने अफसरों से कहा कि ऐसी योजना बनाएं कि बेटियां जब पैदा हों तो लखपति पैदा हों। बहुत एक्सरसाइज करने के बाद लाडली लक्ष्मी योजना बनी। यह केवल योजना नहीं है, समाज की दृष्टि बदलने का प्रयास है।
‘लाडली लक्ष्मी उत्सव’ कार्यक्रम की मुख्य अतिथि आनंदमूर्ति गुरु मां ने लाडली लक्ष्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि आज नवमीं का दिन है। इतने सुंदर कार्यक्रम में शामिल होना मैं अपना सौभाग्य समझती हूं। हर बेटी के लिए सबसे आवश्यक बात ये होनी चाहिए कि वो यह समझे कि वो शक्ति स्वरूपा है। मेरी दृष्टि में हर कन्या एक आग हो सकती है। अगर वो आग हवन की है तो खुशबू फैलाती है। वो रोशनी देती है वो वेद की ऋचाओं में गुंजारित होती हुई शक्ति ऊर्जा बन जाती है। इसलिए किसी भी परिस्थितिमें ये स्वीकार हो की तुम शक्ति हो।
कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास विभाग के अपर सचिव अशोक शाह ने कहा कि जिस देश और समाज में नारी का सम्मान नहीं होता वह देश और समाज कभी प्रगति नहीं कर सकता। यदि हमें आत्मनिर्भर होना है तो हमारे देश की नारी सुरक्षित हो, सुपोषित हो और समृद्ध हो। यह सबसे जरूरी है। उन्होंने कहा कि लाडली लक्ष्मी योजना की तीन कड़ियां है। बाल विवाह रोकना, बालिका शिक्षा को सुनिश्चित करना, महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना। इस राज्यस्तरीय लाडली लक्ष्मी उत्सव कार्यक्रम में प्रदेश की 40 लाख से अधिक लाडली लक्ष्मी कार्यक्रम से जुड़ी हुई हैं। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने लाडली लक्ष्मियों से संवाद भी किया।