केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि कृषि कानूनों पर पुनर्विचार किया जाएगा। केंद्र सरकार ने 70 साल बाद कृषि कानूनों के जरिए से देश में एक बड़ी क्रांति लाने की योजना बनाई थी।
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नागपुर, 24 दिसंबर। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि कृषि कानूनों पर पुनर्विचार किया जाएगा। केंद्र सरकार ने 70 साल बाद कृषि कानूनों के जरिए से देश में एक बड़ी क्रांति लाने की योजना बनाई थी। लेकिन किन्हीं कारणों की वजह से सरकार को दो कदम पीछे हटना पड़ा।
केंद्र सरकार जल्द ही कृषि कानूनों पर दोबारा विचार करेगी
नागपुर के रेशमबाग में सुरेश भट सभागार में शुक्रवार को एग्रो विजन कृषि प्रदर्शनी के शुभारंभ पर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि केंद्र सरकार जल्द ही कृषि कानूनों पर दोबारा विचार करेगी। तोमर ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कृषि क्षेत्र में सुधारों पर जोर दिया जा रहा है। इस के तहत कृषि कानून पेश किए गए, लेकिन दुर्भाग्य से इन कानूनों को लागू नहीं किया जा सका। किसान देश की रीढ़ हैं और उनके सशक्तिकरण के लिए हर संभव कोशिश की जाएंगी।
धर्म और कृषि हमारी प्राथमिकता- तोमर
तोमर ने कहा कि कृषि के साथ-साथ बाकी क्षेत्रों में भी निजी निवेश की जरूरत है जिससे किसानों की प्रगति संभव है। खाद्य तेल के आयात को नियंत्रित करने की कोशिश की जा रही है। जिसके तहत कुल 28 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में पाम तेल उत्पादक फसलों की खेती की जा रही है। इसमें से 9 लाख हेक्टेयर अकेले पूर्वोत्तर राज्य में हैं। तोमर ने बताया कि प्रधानमंत्री ने फसलों के MSP के लिए एक समिति का गठन किया है। सरकार कृषि क्षेत्र में असंतुलन को दूर करने की कोशिश कर रही है। तोमर ने कहा कि धर्म और कृषि हमारी प्राथमिकता है।
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