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भारत के लिए फिफ्थ जनरेशन फाइटर जेट्स: रूस या अमेरिका अथवा दोनों के बीच बड़ी डील?

By HO BUREAU 

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भारत की सैन्य पृष्ठभूमि और रक्षा नीति

पढ़ें :- अफ़ग़ानिस्तान के शतरंज में रूस की चाल और अमेरिका की शहमात

भारत की रक्षा नीति ऐतिहासिक रूप से आत्मनिर्भरता और बहुस्तरीय सैन्य साझेदारियों पर केंद्रित रही है। स्वतंत्रता के बाद से, भारत ने अपने रक्षा क्षेत्र को सुदृढ़ करने के लिए रूस, अमेरिका, फ्रांस, और इज़राइल जैसे देशों के साथ सहयोग किया है।

भारत का लक्ष्य न केवल आधुनिकतम हथियार प्रणालियों को हासिल करना है, बल्कि दीर्घकालिक रूप से स्वदेशी रक्षा उत्पादन को भी बढ़ावा देना है। आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत, भारत उन्नत मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) जैसे स्वदेशी प्रोजेक्ट्स पर भी कार्य कर रहा है।

भारत के लिए चीन और पाकिस्तान से उत्पन्न खतरे

भारत को अपनी रक्षा रणनीति में चीन और पाकिस्तान से उत्पन्न खतरों को प्राथमिकता देनी होगी।

फाइटर जेनरेशन की विस्तृत जानकारी

रूस बनाम अमेरिका: कौन सा लड़ाकू विमान बेहतर?

भारत के पास दो बड़े विकल्प हैं: रूसी Su-57 और अमेरिकी F-35। दोनों ही विमान पांचवीं पीढ़ी के स्टेल्थ फाइटर जेट हैं, लेकिन इनके बीच कई तकनीकी और रणनीतिक अंतर हैं।

भारत की वायुसेना की मौजूदा स्थिति और जरूरतें

क्या होना चाहिए भारत का अगला कदम?

भारत को F-35 और Su-57 दोनों के चयन में सामरिक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए

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