अवनी चतुर्वेदी, भावना कांत और मोहना सिंह, भारत की यह तीन महिला आज के दिन शक्ति और सशक्त का स्वरुप है
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नवरात्री के दिनों में हम नौ देवियों की पूजा अर्चना करते है और उनकी शौर्य गाथा नयी पीढ़ी को सुनाते है इस उम्मीद और उद्देश्य से की मां भगवती के शक्ति और तेज को आने वाली पीढ़ियां अपनाये। लड़कियां सशक्त बनें और अपने अंतर शक्ति को पहचानते हुए नया इतिहास गढ़े।
अवनी चतुर्वेदी, भावना कांत और मोहना सिंह, भारत की यह तीन महिला आज के दिन शक्ति और सशक्त का स्वरुप है। इनकी उपलब्धियों ने पुरे देश को गौरवांवित किया है। फ्लाइंग ऑफिसर भावना कंठ, अवनी चतुर्वेदी और मोहना सिंह IAF की पहली महिला फाइटर पायलट बनीं जो देश की और महिलाओं के लिए प्रेरणा श्रोत हैं।
अवनि चतुर्वेदी फाइटर जेट उड़ाने वाली पहली भारतीय महिला पायलट हैं। उन्होंने अकेले मिग-21 बाइसन विमान उड़ा कर यह कीर्तिमान स्थापित किया है। अवनि ने इसके लिए गुजरात के जामनगर एयरबेस से उड़ान भरी और पहली बार में इसे पूरा किया। साल 2016 में अवनि के साथ-साथ भावना कांत और मोहना सिंह को इस काम के लिए चुना गया था। बीते एक साल तक तीनों को फाइटर पायलट की ट्रेनिंग दी गई। बता दें कि 2016 के पहले भारतीय वासुसेना में महिलाओं को फाइटर प्लेन चलाने की अनुमति नहीं थी। मगर अनुमति मिलने के दो साल बाद ही अवनि ने पहली महिला फाइटर प्लेन पायलट बनने का तमगा अपने नाम कर लिया।
अवनि का बचपन मध्यप्रदेश में रीवा के पास एक छोटे से कस्बे में बीता। शुरूआती पढ़ाई अवनि ने हिंदी माध्यम में की है। अवनि ने 10वीं और 12वीं दोनों ही बोर्ड परीक्षा में अपने स्कूल में टॉप किया था। उसके बाद आगे की इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए वो वनस्थली विद्यापीठ चली गईं। अवनि के पिता दिनांकर चतुर्वेदी जो खुद भी एक इंजीनयर है उन्होंने कहा, “बचपन से अवनि बहुत शांत स्वभाव की थी और उसे अनुशासन में रहना पसंद था। पर मुझे कभी ऐसा नहीं लगा कि उसे पायलट ही बनना है, स्नातक की पढाई तक अवनि को भी नहीं पता था की वो आगे चल कर पायलट बनना चाहती हैं। पिता ने आगे बताया, ‘2003 में कल्पना चावला की मौत के बाद जब अवनि ने उनके बारे में पढ़ा, तब पहली बार उसने मुझसे अंतरिक्ष में उड़ान भरने की इच्छा जाहिर की।’
भावना कांत पहली महिला फाइटर पायलट होंगी जो गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल हुई। वह वर्तमान में राजस्थान एयरबेस में तैनात हैं और मिग -21 बाइसन लड़ाकू विमान उड़ाती हैं। उन्हें पिछले साल राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इस साल गणतंत्र दिवस की परेड में निकाली जाने वाली झांकी का वो हिस्सा थी जिसकी थीम था मेक इन इंडिया।
भावना कांत बिहार के दरंभगा जिले के घनशयामपुर प्रखंड के बऊर गांव की रहने वाली हैं। उनके पिता इंजीनियर हैं, जो कि रिफाइनरी टाउनशिप में कार्य करते हैं। अगर भावना की पढ़ाई की बात करें तो उन्होंने बरौनी रिफाइरी डीएवी पब्लिक स्कूल से की है। आगे की पढ़ाई के लिए वह बेंगलुरू रवाना हो गयी जहां पर उन्होंने बीएमएस कॉलेज से इंजीनियरिंग की।भावना का जन्म वर्ष 1992 को हुआ।
मोहना सिंह भारतीय वायुसेना के पहले बैच की महिला फाइटर पायलट हैं।वह ऐसी लड़ाकू पायलट हैं जो दिन में हॉक एडवांस जेट में मिशन को अंजाम देने के काबिल हैं।
IAF में वर्तमान में 11 महिला फाइटर पायलट हैं, जिन्होंने सुपरसोनिक जेट उड़ाने के लिए कठिन ट्रेनिंग ली है. एक फाइटर पायलट को ट्रेनिंग देने में करीब 15 करोड़ रुपए लगते हैं।