Year Ender 2021 : आइये जानते हैं उन दिग्गजों के बारे में जिन्होंने साल 2021 में दुनिया को अलविदा कह दिया।
Updated Date
10 Famous Veterans Who Died in 2021: साल 2021 ख़त्म होने वाला है, यह साल कई मायनों में अच्छा रहा तो कई मायनों में बुरा भी रहा। CDS बिपिन रावत, अभिनेता दिलीप कुमार से लेकर मिल्खा सिंह तक हमने इस साल कई ऐसे दिग्गजों को खो दिया, जिन्होंने अपने काम से समाज पर बेहतरीन छाप छोड़ी थी। आइये जानते हैं उन दिग्गजों के बारे में जिन्होंने इस साल दुनिया को अलविदा कह दिया।
अभिनेता दिलीप कुमार के रूप में इसी साल देश ने हिंदी सिनेमा के एक और दिग्गज कलाकार को खो दिया। 7 जुलाई 2021 को 98 वर्षीय दिलीप कुमार ने दुनिया को अलविदा कह दिया। दिलीप कुमार के नाम सबसे अधिक अवार्ड्स दर्ज हैं, अपने फ़िल्मी करियर में दिलीप कुमार ने 8 फिल्मफेयर अवार्ड्स जीते, उन्हें साल 1991 में पद्म भूषण और 2015 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। 1994 में उन्हें दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से नवाजा गया। 2000 से 2006 तक वह राज्यसभा के सदस्य भी रहे और 1998 में वह पाकिस्तान के सर्वश्रेष्ठ नागरिक सम्मान निशान-ए-इम्तियाज से भी सम्मानित किए गए।
देश के लिए एक बड़ी शोक की खबर थी जब साल के आखिरी महीने में 8 दिसंबर को भारतीय रक्षा सेवा प्रमुख (CDS) जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत, बिपिन रावत के रक्षा सलाहकार ब्रिगेडियर एलएस लिद्दर समेत 13 लोगों की तमिलनाडु के कन्नूर के निकट दोपहर 12 बजकर 22 मिनट पर भयावह हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गई थी। उन्हें देश की सेवा के लिए परम विशिष्ट सेवा मेडल, उत्तम युद्ध सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल, युद्ध सेवा पदक, सेना पदक, विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया था।
‘बिग बॉस 13’ विनर सिद्धार्थ शुक्ला ने भी इस साल 2 सितम्बर को दुनिया को अलविदा कह दिया, उनके निधन के बाद पूरा मनोरंजन जगत सदमे में था, 40 वर्षीय अभिनेता की मौत हार्ट अटैक से हुई थी। बिग बॉस 13 में सिद्धार्थ और शहनाज गिल की जोड़ी को बहुत पसंद किया गया था। फैन्स उन्हें प्यार से ‘सिडनाज’ बुलाते थे, सिद्धार्थ ने ‘हंप्टी शर्मा की दुलहनिया’ फिल्म में भी काम किया था। जहाँ उनके काम को खूब सराहना मिली थी।
67 साल के विनोद दुआ ने भी इसी साल 4 दिसम्बर को दुनिया से अलविदा कह दिया, वह मीडिया जगत में एक जाना पहचाना नाम थे। दुआ ने दूरदर्शन के लिए भी काम किया था। साल 1996 में रामनाथ गोयनका पत्रकारिता सम्मान पाने वाले विनोद दुआ पहले टीवी पत्रकार थे। उन्हें 2008 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। पत्रकारिता में सर्वश्रेष्ठ योगदान के लिए मुंबई प्रेस क्लब ने जून 2017 में उन्हें लाइफटाइम अचीवमेंट रेड लिंक अवार्ड भी दिया था।
बालिका वधु की “दादी सा” ने भी इसी वर्ष 16 जुलाई को, 75 वर्ष की आयु में कार्डियक अरेस्ट के चलते आखिरी सांस ली। सुरेखा सीकरी अपने शानदार अभिनय की वजह से जानी जाती थीं। ‘बधाई हो’ फिल्म के लिए उन्हें राष्ट्रीय फिल्म पुरष्कार भी मिला। सीकरी ने ‘तमस’, ‘मम्मो’, ‘सलीम लंगड़े पे मत रो’, ‘ज़ुबेदा’, ‘बधाई हो’ जैसी फिल्में की हैं और धारावाहिक ‘बालिका वधू’ में निभाए उनके ‘दादी सा’ के किरदार को भी काफी लोक्रपियता मिली थी।
पूर्व क्रिकेटर और 1983 में विश्व विजेता रही भारतीय टीम के सदस्य यशपाल शर्मा ने भी इसी साल 13 जुलाई को आखिरी सांस ली। 66 साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया। वह 1983 के वर्ल्ड कप के हीरो थे, शर्मा ने टूर्नामेंट में 34.28 के औसत से 240 रन बनाए। उन्होंने भारत के लिए 37 टेस्ट मैचों में 1606 रन बनाए थे। उनका सर्वाधिक रन 140 था और औसत 33.45 रन बनाए थे। वहीं वनडे क्रिकेट में उन्होंने 42 मैचों में 28.48 के औसत से 883 रन बनाए थे। साल 2003 से 2006 तक वह भारतीय टीम के सलेक्टर भी रहे थे।
उत्तर प्रदेश की राजनीति के बड़े दिग्गज कल्याण सिंह ने भी इसी वर्ष 21 अगस्त को दुनिया से अलविदा कह दिया। वह 2 बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। वह 1991 में पहली बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने और दूसरी बार उन्होंने 1997 में मुख्यमंत्री का पदभार संभाला। वह राजनैतिक करियर में वह उत्तर प्रदेश के लोक सभा सांसद के साथ ही राजस्थान और हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल भी रहे। कल्याण सिंह के पहले मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान ही बाबरी मस्जिद की घटना घटी थी।
कंधार क्षेत्र में तालिबान और अफगान सुरक्षा बलों के बीच जारी हिंसक संघर्ष में 16 जुलाई को पुलित्ज़र अवार्ड विनर दानिश सिद्दीकी की हत्या ने भी इस साल देश को एक बड़ा सदमा दिया, 40 वर्ष के सिद्दिकी ने प्रवासी संकट एवं कोरोना की दूसरी लहर सहित कई महत्वपूर्ण राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय घटनाओं को कवर किया था। रॉयटर में काम करते हुए ही दानिश को पुलित्ज़र पुरस्कार मिला था।
भारत के फर्राटा धावक और चार बार के एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता मिल्खा सिंह ने भी इस वर्ष 18 जून को दुनिया से अलविदा कह दिया, मिल्खा सिंह ने 1958 राष्ट्रमंडल खेलों में भी स्वर्ण पदक हासिल किया था। उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन हालांकि 1960 के रोम ओलंपिक में था, जिसमें वह 400 मीटर फाइनल में चौथे स्थान पर रहे थे। उन्होंने 1956 और 1964 ओलंपिक में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया था। 1959 में उन्हें पद्मश्री से नवाजा गया था।
घर-घर में अपनी पहचान बनाने वाले तारक मेहता के नट्टू काका ने भी इस साल 3 अक्टूबर को आखिरी सांस ली। घनश्याम नायक 1960 में अशोक कुमार की फिल्म मासूम में बाल कलाकार के तौर पर सबसे पहले नजर आए थे। इसके बाद उन्होंने बेटा, तिरंगा, आंखें, लाडला, क्रांतिवीर, आंदोलन, बरसात, माफिया, चाहत, इश्क, चाइना गेट, तेरे नाम, हम दिल दे चुके सनम और खाकी समेत कई फिल्मों में भी काम किया था।