उत्तर प्रदेश में अलसी का क्षेत्रफल 27 हजार हैक्टर और उत्पादन 19 हजार टन होता है। यूपी में अलसी की खेती जालौन, हमीरपुर, झांसी, ललितपुर, बांदा, चित्रकूट, कानपुर नगर, कानपुर देहात, गोरखपुर, बाराबंकी आदि जनपदों में होती है।
कानपुर, 08 अक्टूबर। भारत में अलसी का क्षेत्रफल 1.8 लाख हेक्टेयर है और उत्पादकता करीब 671 किलो प्रति हेक्टेयर। भारत में अलसी की खेती मुख्य रूप से 95 फिसदी मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, बिहार, झारखंड, नागालैंड और असम में होती है। अलसी के सेवन से हार्ट अटैक और गठिया के रोगों से छुटकारा मिल जाता है। ये जानकारी हमें सीएसए की अलसी अभिजनक डॉ. नलिनी तिवारी ने दी।
उत्तर प्रदेश में अलसी का क्षेत्रफल 27 हजार हैक्टर
चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) के कुलपति डॉ. डीआर सिंह के निर्देशों के मुताबिक शुक्रवार को तिलहन अनुभाग की अलसी अभिजनक डॉ. नलिनी तिवारी ने किसानों के लिए अलसी की खेती पर एडवाइजरी जारी की है। उन्होंने बताया कि तिलहनी फसलों में अलसी का महत्वपूर्ण जगह है। उत्तर प्रदेश में अलसी का क्षेत्रफल 27 हजार हैक्टर और उत्पादन 19 हजार टन होता है। उत्तर प्रदेश में अलसी की खेती जालौन, हमीरपुर, झांसी, ललितपुर, बांदा, चित्रकूट, कानपुर नगर, कानपुर देहात, गोरखपुर, बाराबंकी आदि जनपदों में होती है।
अलसी के बीज में क्या-क्या गुण होते हैं
जानकारी के मुताबिक बुंदेलखंड क्षेत्र में अलसी की बुवाई का ठीक समय अक्टूबर का पहला पखवाड़ा और मैदानी क्षेत्रों में दूसरे पखवाड़े तक होती है। कहीं-कहीं पर किसान धान की कटाई के बाद अलसी की छिड़कवां खेती करते हैं। अलसी के बीज में तेल 35 से 45 प्रतिशत, कार्बोहाइड्रेट 29 प्रतिशत, प्रोटीन 21 प्रतिशत, ऊर्जा 530 कैलोरी, कैल्शियम 170 मिलीग्राम प्रति 100 ग्राम, लोहा 370 मिलीग्राम प्रति 100 ग्राम पाया जाता है। साथ ही अलसी में सभी अमीनो एसिड पाए जाते हैं, इसमें ओमेगा-3 और ओमेगा-6 वसा अम्ल ही होते हैं। ओमेगा 03 कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करता है। जिससे हार्ट अटैक और गठिया से छुटकारा मिलता है। डॉ. नलिनी तिवारी ने बताया कि हनी सिंह की प्रजातियां इंदू, उमा, शेखर, अपर्णा, शील इत्यादि हैं। कुल तेल उत्पादन का 80 प्रतिशत भाग औद्योगिक कार्यों जैसे पेंट, साबुन, वार्निश, छपाई आदि में इस्तेमाल किया जाता है। डॉक्टर तिवारी ने बताया कि कुछ प्रजातियां भी उदेशी होती हैं जैसे शिखा, रश्मि, पार्वती, गौरव जिनसे तेल और रेशा निकलता है। रेशा से कपड़ा बनाया जाता जिससे किसान अधिक लाभ हासिल कर सकते हैं।