सीएम बघेल ने कोल ब्लॉक कंपनियों से कोल उत्खनन पर 294 रुपए प्रति टन के मान से केंद्र के पास जमा राशि 4,140 करोड़ छत्तीसगढ़ को जल्द देने की मांग की।
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नई दिल्ली, 30 दिसंबर। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में आयोजित बजट पूर्व बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आम बजट को लेकर राज्य की उम्मीदें और प्रस्ताव रखे। विज्ञान भवन में आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री बघेल ने GST क्षतिपूर्ति की भरपाई, कोल उत्खनन पर केंद्र के पास जमा राशि 4,140 करोड़ छत्तीसगढ़ को जल्द देने और नक्सल उन्मूलन के लिए तैनात केन्द्रीय सुरक्षा बलों पर किए 15 हजार करोड़ के व्यय की प्रतिपूर्ति की मांग की है। बैठक में केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के साथ ही कई राज्यों के वित्तमंत्री भी मौजूद रहे।
‘GST क्षतिपूर्ति अनुदान को आगामी 5 सालों के लिए जारी रखा जाए’
बैठक में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि कोविड-19 के कारण आर्थिक गतिविधियों के बाधित होने से राज्यों की अर्थव्यवस्था पर गंभीर प्रभाव पड़ा है। केंद्र से मिलने वाली राशि हासिल होने पर राज्य सरकार विकास कार्यक्रमों और योजनाओं में व्यय कर सकेगी। उन्होने कहा कि GST कर प्रणाली से राज्यों को राजस्व की हानि हुई है, आगामी वर्ष में राज्य को लगभग 5000 करोड़ के राजस्व की हानि की भरपाई की व्यवस्था केंद्र द्वारा नहीं की गयी। इसलिए GST क्षतिपूर्ति अनुदान को जून 2022 के पश्चात भी आगामी 5 सालों के लिए जारी रखा जाये। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पिछले 3 सालों के केन्द्रीय बजट में छतीसगढ़ को केन्द्रीय करों में हिस्से की राशि 13,089 करोड़ कम मिली है। बजट में केन्द्रीय करों के हिस्से की राशि प्रदेश को दी जाए।
कोल उत्खनन पर केंद्र के पास जमा राशि 4,140 करोड़ राज्य को जल्द देने की मांग
सीएम बघेल ने कोल ब्लॉक कंपनियों से कोल उत्खनन पर 294 रुपए प्रति टन के मान से केंद्र के पास जमा राशि 4,140 करोड़ छत्तीसगढ़ को जल्द देने की मांग की। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि नक्सल उन्मूलन के लिए राज्य में तैनात केन्द्रीय सुरक्षा बलों पर राज्य शासन का व्यय 15 हजार करोड़ हो चुका है। इसकी पूर्ति के लिए आने वाले बजट में विशिष्ट प्रावधान किया जाए।
भविष्य में उत्पाद कर के स्थान पर उपकरों में कमी हो- बघेल
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि केन्द्र की ओर से पेट्रोल और डीजल पर केन्द्रीय उत्पाद कर कटौती से राज्य के हिस्से की राशि में कमी और वैट से मिलने वाले राजस्व में भी कमी होगी। इसलिए भविष्य में उत्पाद कर के स्थान पर उपकरों में कमी की जाए। बघेल ने प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) में बेहतर क्रियान्वयन करने वाले राज्यों के लिए प्रति परिवार 1100 रुपये प्रीमियम की सीमा बढ़ाने की मांग की। उन्होने कहा इससे लाभार्थियों की संख्या बढ़ेगी और अधिकांश जनसंख्या को इसका लाभ मिलेगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत पात्र परिवार प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत भी मान्य होने चाहिए।
बैठक में सीएम बघेल ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना और जल जीवन मिशन में भी राज्यों की सहभागिता को कम कर केंद्र का अंश 75 प्रतिशत किया जाए। बघेल ने इसके साथ ही केंद्रीय बजट में रायपुर में इन्टरनेशनल कार्गो टर्मिनल, केन्द्रीय आदिवासी विश्वविद्यालय का एक कैंपस और वोकल फॉर लोकल योजना के तहत विपणन केन्द्र आदि के स्थापना की मांग भी रखी। इसके साथ ही बैठक में बघेल ने कई योजनाओं के जरिए से किसानों और मजदूरों को उदारता पूर्वक राशि दिए जाने, मनरेगा की मजदूरी दर श्रम आयुक्त की दरों के बराबर करने, दलहन या फिर तिलहन उत्पादन के लिए विशेष प्रोत्साहन देने संबंधी सुझाव भी दिए।