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Gujarat: सिख गुरु जिन खतरों से देश को आगाह करते थे वो आज भी वैसे ही हैं- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

पीएम मोदी ने कहा- सभी का दायित्व है कि ऐसे महत्वपूर्ण समय में कोई हमारे सपनों पर, देश की एकजुटता पर आंच ना ला सके।

By इंडिया वॉइस 

Updated Date

नई दिल्ली, 25 दिसंबर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की एकता और अखंडता में सिख गुरुओं के योगदान का स्मरण करते हुए शनिवार को कहा कि ये सुनिश्चित करना बहुत जरूरी है कि कोई भी देश की एकता और अखंडता को नुकसान ना पहुंचा सके।

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”हमारे गुरु जिन खतरों से देश को आगाह करते थे, वो आज भी वैसे ही हैं”

प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले दिनों पंजाब के गुरुद्वारों में बेअदबी के दो मामलों का जिक्र किए बिना कहा कि “हमारे गुरु जिन खतरों से देश को आगाह करते थे, वो आज भी वैसे ही हैं। इसलिए हमें सतर्क भी रहना है और देश की सुरक्षा भी करनी है।” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए से गुजरात के कच्छ में स्थित गुरुद्वारा लखपत साहिब में आयोजित गुरु नानक देव के गुरुपुरब समारोह को संबोधित कर रहे थे।

‘कोई भी हमारे सपनों और देश की एकजुटता को नुकसान ना पहुंचाए’

प्रधानमंत्री ने गुरु नानक देव की शिक्षाओं को चरितार्थ करने का आह्वान करते हुए कहा कि सभी का दायित्व है कि ऐसे महत्वपूर्ण समय में कोई हमारे सपनों पर, देश की एकजुटता पर आंच ना ला सके। हमारे गुरु जिन सपनों के लिए जिए, जिन सपनों के लिए उन्होंने अपना जीवन खपा दिया, उनकी पूर्ति के लिए हम सभी को एकजुट होकर चलना चाहिए।

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पीएम मोदी ने गुरुद्वारा लखपत से जुड़ी अपनी यादों को साझा किया

पीएम मोदी ने लखपत गुरुद्वारा से जुड़ी अपनी यादों को साझा करते हुए कहा कि ”2001 के भूकंप के बाद मुझे गुरु कृपा से इस पवित्र स्थान की सेवा करने का सौभाग्य मिला था। मुझे याद है, तब देश के अलग-अलग हिस्सों से आए शिल्पियों ने इस जगह के मौलिक गौरव को संरक्षित किया। प्राचीन लेखन शैली से यहां की दीवारों पर गुरुबाणी अंकित है। इस प्रोजेक्ट को उस समय यूनेस्को ने भी सम्मानित किया था।” बतादें कि नरेंद्र मोदी उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री थे और उन्होंने गुरुद्वारे की मरम्मत का काम अविलम्ब शुरू करना सुनिश्चित किया था।

सिखों की आस्था और सुविधा के लिए उठाए गए कदम

पीएम मोदी ने सिखों की आस्था और सुविधा के लिए उठाए गए कदमों का जिक्र करते हुए कहा कि दशकों से जिस करतारपुर साहिब कॉरिडोर का इंतजार था, 2019 में हमारी सरकार ने ही उसके निर्माण का काम पूरा किया। उन्होंने हाल ही में अफगानिस्तान से ससम्मान गुरु ग्रंथ साहिब के स्वरूपों को भारत लाने के संबंध में कहा कि गुरु कृपा का इससे बड़ा अनुभव किसी के लिए और क्या हो सकता है?

”पंज प्यारों में से भाई मोकहम सिंह जी गुजरात से थे”

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प्रधानमंत्री ने अपनी एक अमेरिका यात्रा को याद करते हुए कहा कि अमेरिका ने भारत को 150 से ज्यादा ऐतिहासिक वस्तुएं लौटाईं। इसमें से एक पेशकब्ज या छोटी तलवार भी है, जिस पर फारसी में गुरु हरगोबिंद जी का नाम लिखा है। वहीं खालसा पंथ को गुजरात से जोड़ते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ये गुजरात के लिए गौरव की बात है कि खालसा पंथ की स्थापना में अहम भूमिका निभाने वाले पंज प्यारों में से चौथे गुरु भाई मोकहम सिंह जी गुजरात से थे।

पीएम मोदी ने किया सिख गुरुओं के योगदान का जिक्र

PM मोदी ने मुगलों और अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई में सिख गुरुओं के योगदान का जिक्र करते हुए कहा कि गुरु नानक देव जी और उनके बाद हमारे अलग-अलग गुरुओं ने भारत की चेतना को प्रज्वलित रखा साथ ही भारत को भी सुरक्षित रखने का मार्ग बनाया। उन्होंने कहा कि हमारे गुरुओं का योगदान केवल समाज और आध्यात्म तक ही सीमित नहीं है। बल्कि हमारा राष्ट्र, राष्ट्र का चिंतन, राष्ट्र की आस्था और अखंडता अगर आज सुरक्षित है, तो उसके भी मूल में सिख गुरुओं की महान तपस्या है। मुगल शासक औरंगजेब के खिलाफ गुरु तेग बहादुर की वीरता और बलिदान सभी को याद है। पीएम मोदी ने कहा कि औरंगजेब के खिलाफ गुरु तेग बहादुर का पराक्रम और उनका बलिदान हमें सिखाता है कि आतंक और मजहबी कट्टरता से देश कैसे लड़ता है। इसी तरह, दशम गुरु, गुरुगोबिन्द सिंह साहिब का जीवन भी पग-पग पर तप और बलिदान का एक जीता जागता उदाहरण है। देश की आजादी की लड़ाई में सिखों के योगदान के संबंध में उन्होंने कहा कि जलियांवाला बाग ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारत के संघर्ष के दौरान सिख समुदाय द्वारा किए गए बलिदान का गवाह है।

‘आज देश का मंत्र है- एक भारत, श्रेष्ठ भारत’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज कश्मीर से कन्याकुमारी तक, कच्छ से कोहिमा तक, पूरा देश एक साथ सपने देख रहा है। आज देश का मंत्र है- ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’। देश का लक्ष्य है- ‘एक नए समर्थ भारत का पुनरोदय’। आज देश की नीति है- हर गरीब की सेवा, हर वंचित को प्राथमिकता। प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को उनकी 97वीं जयंती पर नमन करते हुए कहा कि अटल जी का कच्छ से विशेष स्नेह था। भूकंप के बाद यहां हुए विकास कार्यों में अटल जी और उनकी सरकार कंधे से कंधा मिलाकर लोगों के साथ खड़ी रही थी।

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