जम्मू। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) कश्मीर में आतंकियों की कमर तोड़ने के लिए लगातार सख्त कार्रवाई कर रही है।गुरुवार को एनआईए ने टेरर फंडिंग के मामले में प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी (जएइ) के बडगाम और बारामुला में 11 ठिकानों पर छापे मारे। इस दौरान एजेंसी ने कई डिजिटल उपकरणों और आपत्तिजनक सामग्री जब्त की।
पढ़ें :- पांच साल में सात बार.... छूटे न टीका एक भी बार
जमात-ए-इस्लामी पर 28 फरवरी 2019 को यूए (पी) अधिनियम के तहत गैरकानूनी संगठन घोषित किए जाने के बाद भी अलगाववादी और आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है।
एनआईए ने पहले इस मामले में चार लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। मई महीने में कश्मीर घाटी में एनआईए की यह चौथी कार्रवाई है। एक अधिकारी के अनुसार, एनआईए ने 5 फरवरी 2021 को स्वत: संज्ञान लेकर मामला दर्ज किया था। एनआईए ने खुलासा किया कि जमात-ए-इस्लामी (जम्मू-कश्मीर) स्वास्थ्य और शिक्षा को बढ़ावा देने के नाम पर एकत्र धन को अवैध गतिविधियों को अंजाम देने में उपयोग कर रहा है।
एनआईए ने जांच के दौरान पाया कि इस संगठन के सदस्य भारत के भीतर और बाहर विशेष रूप से जकात, मोवदा और बैत-उल-मल के रूप में दान के माध्यम से धन एकत्र कर रहे हैं। उन्हें प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों, जैसे हिजबुल मुजाहिदीन (एचएम), लश्कर-ए-ताइबा (एलईटी) और जेईआई कैडर के अन्य नेटवर्क के माध्यम से भी बढ़ावा मिल रहा है।
एनआईए के अनुसार, जमात-ए-इस्लामी भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के लिए कश्मीरी युवाओं को प्रेरित कर रहा है। साथ ही नए सदस्यों की भर्ती भी कर रहा है।
पढ़ें :- उत्तर प्रदेश में रियल टाइम मॉनिटरिंग और जवाबदेही का राष्ट्रीय मानक स्थापित कर रहा डिजिटल सिस्टम
एनआईए ने गुरुवार की कार्रवाई से पहले 10 मई को हिजबुल और जैश से जुड़े दो मामलों में तीन अभियुक्तों की संपत्तियां घाटी में जब्त की थीं। जबकि 4 मई को 16 ठिकानों पर छापे मारे थे। इसके अलावा 2 मई को करीब 12 जगहों पर विभिन्न टीमों ने कार्रवाई की थी।