अस्पतालों मे आए मरीज का डेटा आईरेड ऐप पर करना होगा फीड
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हमीरपुर, 31 दिसम्बर। अब किसी भी सड़क हादसे के बाद हाईवे व स्वास्थ्य विभाग को पूरी तरह से तत्परता दिखानी होगी। केंद्र सरकार द्वारा सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए आंकड़े जुटाने के उद्देश्य से बनाए गए ‘आईरेड ऐप’ पर अब हाईवे व स्वास्थ्य विभाग को हादसे की जानकारी भरनी होगी। ‘आईरेड ऐप’ पर पुलिस और RTO ने डाटा फीडिंग का काम पहले ही शुरू कर दिया है।
जल्द ही शुरू किया जाएगा डाटा फीडिंग का कार्य
एनआईसी के वरिष्ठ तकनीकी निदेशक राजेश कुमार मदान ने बताया कि जिले में पुलिस और आरटीओ विभाग ने सड़क दुर्घटना के बाद आईरेड ऐप पर डेटा फीडिंग का काम मार्च से शुरू कर दिया था। दूसरे चरण में हाईवे व स्वास्थ्य विभाग को ऐप डाटा फीडिंग की ट्रेनिंग दे दी गई है।
जल्द ही इनके द्वारा फीडिंग का कार्य शुरू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि किसी भी हादसे के बाद एक घंटे के भीतर घायल को अस्पताल पहुंचाने को गोल्डन आवर्स कहा जाता है।
90 फीसदी से ज्यादा घायलों को 30 मिनट के अंदर पहुंचाया गया अस्पताल
10 महीने में फीड हुए डेटा के बाद सामने आया है कि 90 फीसदी से ज्यादा घायलों को 30 मिनट के भीतर अस्पताल पहुंचाया गया। आईरेड ऐप पर हाईवे व स्वास्थ्य विभाग को अब घायलों के उपचार के बारे में भी जानकारी देनी होगी। पहले कई बार घायलों को बिना भर्ती किए भेज दिया जाता था।
220 सड़क दुर्घटनाओं की फीडिंग हो चुकी है
नोडल अधिकारी डॉक्टर पीके सिंह ने बताया कि आईरेड ऐप पर सड़क दुर्घटना के शिकार लोगों की डाटा फीडिंग के लिए सभी सीएचसी व पीएचसी व निजी अस्पतालों को निर्देशित किया गया है। जल्द ही इनके द्वारा फीडिंग का कार्य शुरू किया जाएगा।
रोलआउट मैनेजर रामचंद्र ने बताया कि जिले में अभी तक 220 सड़क दुर्घटनाओं की फीडिंग हो चुकी है। ऐप पर फीडिंग के मामले में हमीरपुर ने चित्रकूट मंडल में पहला स्थान प्राप्त किया है और प्रदेश में 51वें नंबर पर है।