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धान की फसल में बीमारी की बढ़ी संभावना, दवाओं का छिड़काव करें किसान- कृषि रक्षा अधिकारी

उत्तर प्रदेश में मौसम के बदले मिजाज से पिछले 3 दिनों से लगातार बारिश हो रही है और वातावरण में नमी भी है। इससे धान की फसलों में कई तरह के कीट लगने की संभावना है। ऐसे में किसान फसल उत्पादन को बेहतर रखने के लिए समय से कीटनाशी दवाओं का छिड़काव करें।

By इंडिया वॉइस 

Updated Date

कानपुर, 17 सितंबर। उत्तर प्रदेश में मौसम के बदले मिजाज से पिछले 3 दिनों से लगातार बारिश हो रही है और वातावरण में नमी भी है। इससे धान की फसलों में कई तरह के कीट लगने की संभावना बढ़ गई है। ऐसे में किसान फसल उत्पादन को बेहतर रखने के लिए समय से कीटनाशी दवाओं का छिड़काव करें। ये जानकारी शुक्रवार को जिला कृषि रक्षा अधिकारी सलीमद्दीन ने दी।

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जिला कृषि रक्षा अधिकारी ने बताया कि इस समय खरीफ की प्रमुख फसल धान में बालियां निकल रही हैं। लगातार बारिश होने के कारण मौसम में नमी है, जिसके कारण फाल्स स्मट (मिथ्या कण्डुआ/हल्दिया) बीमारी लगने की ज्यादा सम्भावना है। सभी किसान भाइयों को सलाह या सुझाव दिया जा रहा है कि बाली निकलते समय प्रोपीकोनाजोल 25 प्रति0 ई0सी0 की 01 मिली0 मात्रा 1.500 लीटर पानी में मिलाकर या फिर कॉपरऑक्सीक्लोराइड 50 प्रतिशत डब्ल्यू0 पी0 2.5-3.0 ग्राम मात्रा को 1 लीटर पानी में मिलाकर तुरंत छिड़काव करा दें। एक बार बालियों में इस रोग का प्रकोप होने के बाद इसका इलाज मुश्किल हो जाता है।

कृषि रक्षा अधिकारी ने कहा कि किसान भाइयों से अपील है कि दवा को क्रय करते समय रसायन की अवसान तिथि देख ले और कैश मेमो जरुर हासिल करें। खेत में लगे हुए किसी भी रोग/कीट के परिलक्षित होने पर जनसम्पर्क नम्बर 9452247111 और 9452257111 पर फोटोग्राफ व्हाट्सप कर समस्या का नि:शुल्क निदान हासिल कर सकते हैं। या फिर अपने नजदीकी राजकीय कृषि बीज भण्डार/कृषि रक्षा इकाई में व्यक्तिगत सपंर्क कर सलाह और सुझाव ले सकते हैं।

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