भारत-कजाकिस्तान के बीच सैन्य अभ्यास 'काजिन्द-21' से दोनों देशों के रणनीतिक और द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूती मिलेगी
नई दिल्ली, 01 सितम्बर (हि.स.)। रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने और सैन्य कूटनीति के एक हिस्से के रूप में बुधवार को भारत और कजाकिस्तान की सेनाओं के बीच सैन्य अभ्यास ‘काजिन्द-21’ प्रशिक्षण नोड आयशा बीबी, कजाकिस्तान में शुरू हो चुका है। ये दोनों सेनाओं के वार्षिक द्विपक्षीय संयुक्त अभ्यास का 5वां संस्करण है, जो 10 सितम्बर तक चलेगा। अभ्यास का चौथा संस्करण सितम्बर, 2019 में भारत के पिथौरागढ़ (उत्तराखंड) में आयोजित किया गया था। दोनों देशों की सेनाओं के बीच इस संयुक्त प्रशिक्षण अभ्यास से भारत और कजाकिस्तान के साथ बढ़ रहे रणनीतिक और द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूती मिलेगी।
इस संयुक्त सैन्य अभ्यास में कजाकिस्तान के 120 और भारतीय सेना की बिहार रेजिमेंट के 90 सैनिक शामिल हैं। दोनों सेनाएं आतंकवाद विरोधी अभियानों के क्षेत्र में अपनी-अपनी विशेषताओं और कौशल को एक-दूसरे से साझा करेंगी। ये सैन्य अभ्यास 48 घंटों के लंबे अभ्यास के बाद खत्म होगा, जिसमें आतंकवादियों के अर्धग्रामीण ठिकाने को नष्ट करने का परिदृश्य शामिल होगा। सत्यापन अभ्यास दोनों सेनाओं के सैनिकों के लिए इसलिए महत्वपूर्ण होगा क्योंकि वो ऐसे परिदृश्यों में वास्तविक संचालन की चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। ये अभ्यास दोनों देशों के बीच लगातार बढ़ते सैन्य और राजनयिक संबंधों को गति देगा। ये संयुक्त अभ्यास आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए दोनों देशों के मजबूत संकल्प को दर्शाने के साथ ही कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होने की इच्छा को भी दर्शाता है।
सैन्य अभ्यास भारत और कजाकिस्तान के सशस्त्र बलों को पहाड़ी, ग्रामीण क्षेत्रों में उग्रवाद और आतंकवाद निरोधी अभियानों में दक्ष करने का एक अवसर प्रदान करेगा। इस संयुक्त अभ्यास में दोनों देशों की सेनाओं के बीच पेशेवर रणनीतिक कौशल, उप इकाई स्तर पर आतंकवाद विरोधी माहौल में अभियानों की योजना और उनके क्रियान्वयन, हथियार चलाने संबंधी कौशल और आतंकवाद तथा उग्रवाद संबंधी अभियानों के अनुभवों को साझा किया जाएगा। इस सैन्य अभ्यास से दोनों देशों की सेनाओं के बीच आपसी विश्वास को बढ़ावा मिलेगा और अंतर संचालन सहित बेहतर विधियों को अपनाने में सक्षम होने का अवसर मिलेगा।