दो साल के बाद भारत का 1.5 बिलियन डॉलर का सौदा अब अपने अंतिम चरण में। लम्बे इन्तजार के बाद इजराइल से भारतीय सेना को हेरॉन ड्रोन (IGLA-S) के आर्म्ड वर्जन मिले।
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नई दिल्ली, 01 दिसंबर। आखिरकार दो साल के बाद रूस से (Very Short Range) एयर डिफेंस सिस्टम IGLA-S खरीदने के लिए भारत का 1.5 बिलियन डॉलर का सौदा अब अपने अंतिम चरण में है। इस सौदे के लिए आगे आई दो अन्य कंपनियों की शिकायतों के बावजूद रूस के रोसोबोरोनएक्सपोर्ट से यह सौदा होने के करीब है। रूस जल्द ही भारतीय सेना को बहुत कम दूरी की इग्ला-एस वायु रक्षा प्रणाली की आपूर्ति करेगा। इसी तरह लम्बे इन्तजार के बाद इजराइल से भारतीय सेना को हेरॉन ड्रोन के आर्म्ड वर्जन मिल गए हैं जिन्हें सेना ने अपने बेड़े में शामिल किया है।
भारतीय सेना ने रूस से 5,175 वेरी शॉर्ट-रेंज एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम और संबंधित उपकरण मांगे हैं, जिनमें से लगभग 2,300 सिस्टम पूरी तरह से तैयार स्थिति में मिलेंगे। 260 सेमी-नॉक्ड डाउन स्थिति में होंगी और 1,000 मिसाइलों को पूरी तरह से नॉक डाउन (सीकेडी) किया जाएगा। 600 मिसाइलों का उत्पादन ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत भारत में किया जाएगा।। ये मिसाइलें कम दूरी पर हवाई लक्ष्य को भेदने में सक्षम हैं। सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भारत को वेरी शॉर्ट-रेंज एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम के अलावा लॉन्चर, सेंसर, थर्मल इमेजिंग साइट और कमांड एंड कंट्रोल यूनिट सहित संबंधित प्रणालियों की भी आवश्यकता है।
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इस सौदे के लिए रूस की कंपनी रोसोबोरोनएक्सपोर्ट ने इग्ला-एस, स्वीडन की कंपनी साब ने आरबीएस 70 एनजी और फ्रांस (France) की कंपनी MBDA ने मिस्ट्रल को पेश किया था। हालांकि भारत के पास पहले से ही स्वदेशी आकाश सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (SAM) प्रणालियां, मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (MRSAM) हैं। अब रूस से इग्ला-एस वेरी शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस (वीएसएचओआरएडी) सिस्टम का सौदा अंतिम चरण में होने से भारत बहुत ही नजदीक से दुश्मन को मारने में सक्षम होगा। शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस एंटी-एयरक्राफ्ट हथियारों और रणनीति का एक समूह है, जो कम ऊंचाई वाले हवाई खतरों, मुख्य रूप से हेलीकॉप्टर और कम-उड़ान वाले क्लोज एयर सपोर्ट एयरक्राफ्ट की रक्षा करता है।
दूसरी तरफ लम्बे इन्तजार के बाद इजराइल से भारतीय सेना को हेरॉन ड्रोन के आर्म्ड वर्जन मिल गए हैं। हालांकि लद्दाख सेक्टर में सर्विलांस के लिए तीनों सेनाएं पहले से ही हेरॉन अनमैन्ड एरियल व्हीकल (यूएवी) का इस्तेमाल कर रही है जो एक बार में दो दिन तक उड़ सकता है। अब भारतीय सेना को हेरॉन ड्रोन के आर्म्ड वर्जन मिले हैं। इजराइल निर्मित हेरॉन ड्रोन 10 किमी. की ऊंचाई से दुश्मन की हरकत पर नजर रख सकता है। इन्हें इजराइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (आईएआई) ने सभी मौसमों के रणनीतिक मिशनों के लिए विकसित किया है। यह इजराइली ड्रोन पिछले संस्करणों की तुलना में अधिक उन्नत और काफी बेहतर एंटी-जैमिंग क्षमता वाले हैं।
लंबी दूरी के रडार और सेंसर, एंटी-जैमिंग क्षमता और 35 हजार फीट की ऊंचाई तक पहुंचने की क्षमता के साथ रिमोट ऑपरेटेड हेरॉन ड्रोन एलएसी के पास सभी प्रकार की खुफिया जानकारी इकट्ठा करने में सक्षम होंगे। इसके अलावा आर्मी एविएशन ने भारत के सामरिक मिशनों को और अधिक मजबूती देने के लिए क्षेत्र में एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर (एएलएच) Advanced Light Helicopter (ALH-DHRUV) रुद्र के वेपन सिस्टम इंटीग्रेटेड वेरिएंट को भी तैनात किया है। सरकार से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि मौजूदा हालात को देखते हुए हेरॉन ड्रोन की संख्या बढ़ाए जाने की जरूरत है। खासतौर पर एयरफोर्स की जरूरतों को पूरा करने के लिए इसे खरीदा जाना जरूरी है।
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