अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया तेजी से कमजोर हो रहा है। इस तिमाही में भारतीय रुपये में 2 फीसदी गिरावट दर्ज की गई है।
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भारतीय करेंसी में लगातार गिरावट का दौर जारी है। मौजूदा समय में भारतीय रुपये करीब चार फीसदी नीचे आ चुका है। बता दें कि रुपये पिछले 20 महीने के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। इससे अब भारतीय मुद्रा को एशिया की सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली करेंसी कहा जाने लगा है। जानकार विदेश निवेशकों की ओर से बिकावाली को इसकी मुख्य वजह मान रहे हैं। शेयर बाजार से विदेश निवेशक अपना पैसा तेजी से निकाल रहे हैं।
78 तक गिर सकता है भारतीय रुपया
मंगलवार भले ही भारतीय रूपये में मजबूती देखने को मिली, लेकिन पिछले कुछ दिनों से इसमें लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। दिसंबर महीने में रुपया करीब 2 प्रतिशत कमजोर हो चुका है। दरअसल ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार रुपये में 76.50 प्रति डॉलर तक गिरने की बात कही गई है। जबकि वित्तीय मामलों के जानकार भारतीय करेंसी को डॉलर की अपेक्षा करीब 78 तक गिरने की घोषणा करते नजर आ रहे हैं।
फॉरेन इन्वेस्टर ने निकासी की तेज
भारतीय रुपये के खराब प्रदर्शन की मुख्य वजह विदेशी निवेशकों (FPI) के द्वारा तेजी से पैसों की निकासी है। विदेशी निवेशक तेजी से भारतीय शेयर बाजार से अपना पैसा निकाल रहे हैं। इसकी वजह से BSE सेंसेक्स करीब दस फीसदी नीचे आ चुका है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक विदेश इन्वेस्टर साल के अंतिम तिमाही में Stock Market से करीब 4.2 बिलियन डॉलर की निकासी कर चुके हैं। कुछ ऐसा ही हाल बांड मार्केट (Bond Market) का भी है। इस तिमाही में बांड मार्केट से 587 मिलियन डॉलर की निकासी हो चुकी है।
इन कारणों से रुपये की हालत हुई खराब
गोल्डमैन सैक्स (Goldman Sachs) और नोमुरा होल्डिंग्स (Nomura Hodings) ने भारतीय शेयर मार्केट के आउटलुक को घटा दिया है। दोनों ही फाइनेंस कंपनियों ने कहा है कि भारतीय शेयर मार्केट की मौजूदा वैल्यूएशन वास्तविकता से काफी अधिक है। इसके बाद से ही विदेशी निवेशकों ने अपने पैसों को निकालना शुरू कर दिया।
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