बच्चे पहले खुद का मूल्यांकन करेंगें, इसके अलावा सहपाठी का मूल्यांकन, प्रोजेक्ट, कार्य, खोज आधारित अध्ययन में प्रदर्शन, शिक्षक मूल्यांकन सहित अन्य तरह का मूल्यांकन शामिल होगा।
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बिहार, 22 अक्टूबर। गुणवत्तापूर्ण, दक्षता आधारित, वैज्ञानिक सोच वाली राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की अवधारणा को लागू कराने के लिए शिक्षा विभाग ने पहल शुरू कर दी है। जिला शिक्षा पदाधिकारी रजनीकांत प्रवीण ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत पाठ्यक्रम को आसान बनाया जाएगा। सबसे पहले बच्चों का बस्ता कैसे हल्का हो इस पर विचार किया जाएगा, इसके लिए पाठ्य तालिका बनाई जाएगी। इतना ही नहीं बच्चों का केवल परीक्षा के आधार पर मूल्यांकन नहीं किया जाएगा। बच्चे पहले खुद का मूल्यांकन करेंगें, इसके अलावा सहपाठी का मूल्यांकन, प्रोजेक्ट, कार्य, खोज आधारित अध्ययन में प्रदर्शन, शिक्षक मूल्यांकन सहित अन्य तरह का मूल्यांकन शामिल होगा।
पांच आधार स्तंभ पर काम करेगी राष्ट्रीय शिक्षा नीति
उन्होंंने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति पांच आधार स्तंभ पर काम करेगी। इसे सबसे ऊपर सब तक पहुंच वाली शिक्षा, भागीदारी, गुणवत्ता, किफायती और जवाबदेही को केंद्र में रखकर बनाया गया है। स्कूली शिक्षा के टेन प्लस टू के ढांचे को पांच प्लस तीन प्लस तीन प्लस चार के चार स्टार में बदला जाएगा। जिसमें बच्चों का पहला तीन साल फाउंडेशन स्टेज होगा। जिसमें बच्चे आंगनबाड़ी या प्राथमिक विद्यालय में प्री स्कूलिंग करेंगे, इसमें एक्टिविटी आधारित नया पाठ्यक्रम तैयार किया जाएगा।
इसके बाद कक्षा तीन से पांच तक प्रयोग के जरिए विज्ञान, गणित और आर्ट की पढ़ाई कराई जाएगी तथा इसमें आठ से 11 साल तक उम्र के बच्चे इसमें शामिल होंगे। मिडिल स्टेज में छह से आठ तक की कक्षाओं में विषय आधारित पाठ्यक्रम पढ़ाया जाएगा तथा कक्षा छह से ही कौशल विकास के कोर्स भी शुरू होंगे। सेकेंडरी स्टेज में कक्षा नवम से 12 वें की पढ़ाई दो चरणों में होगी तथा इसमें विषयों का गहन अध्ययन कराया जाएगा, छात्रों को विषय चुनने की आजादी होगी।
इच्छा अनुसार विषय चुनने का अधिकार
यह शिक्षा नीति इस तरह बनी है कि स्कूल से हर छात्र एक कौशल लेकर निकलेगा। छात्र अपनी इच्छा के अनुसार विषय चुन सकेंगे तथा विज्ञान या गणित के साथ फैशन डिजाइनिंग भी पढ़ सकेंगे। जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को पूरी तरह से धरातल पर लागू करने के लिए बिहार शिक्षा परियोजना एवं मध्यान भोजन योजना के सभी पदाधिकारी और कर्मचारी, प्रखण्ड साधन सेवी, केआरपी, पीटीईसी एवं डाइट के व्याख्याता तथा सभी प्रखंडोंं के मास्टर ट्रेनर को प्रशिक्षित किया जा चुका है।
बच्चों में वैज्ञानिक चेतना जगाने का होगा प्रयास
भाजपा से जुड़े शिक्षक नेता डॉ. सुरेश प्रसाद राय कहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में तैयार किया गया राष्ट्रीय शिक्षा नीति में नई सोच का एकीकरण है। इस शिक्षा नीति में कक्षा प्रथम के बच्चों के लिए तीन माह का प्ले आधारित स्कूल मॉडल भी तैयार किया जाना है। इसके अलावा स्कूलों में छात्र और शिक्षक का अनुपात 30-1 करने के लिए शिक्षकों की भर्ती होगी। यह शिक्षा नीति दक्षता आधारित शिक्षा पर आधारित होगी। जिसमें पढ़ाई के साथ बच्चे कुछ सीख सकें, ऐसी सोच विकसित की जाएगी। सभी बच्चों में वैज्ञानिक चेतना जगाई जाएगी, बहुभाषी बनाया जाएगा। बच्चों को एक राष्ट्रीय भाषा, एक स्थानीय भाषा एवं एक विदेशी भाषा भी इसमें सीखने को मिलेगी।