Booking.com

राज्य

  1. हिन्दी समाचार
  2. उत्तराखंड
  3. उत्तराखंड : मुख्यमंत्री धामी ने ट्रैक्टर पर बैठकर किया आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा

उत्तराखंड : मुख्यमंत्री धामी ने ट्रैक्टर पर बैठकर किया आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा

अतिवृष्टि से प्रभावित इलाकों का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री धामी ने ट्रेक्टर का सहारा लिया।

By इंडिया वॉइस 

Updated Date

देहरादून, 20 अक्टूबर। उत्तराखंड के लोगों पर इन दिनों बारिश कहर बन कर टूटी है। लगातार हो रही बारिश से लोगों का जीवन का अस्त व्यस्त हुआ पड़ा हुआ है वहीँ दूसरी बात प्रदेश सरकार आपदा से प्रभावित लोगों तक मदद पहुंचाने का हर संभव प्रयास करने में जुटी है। मुख्यमंत्री धामी ने खुद भी ज्यादा प्रभावित हुए इलाकों का हवाई सर्वेक्षण कर स्थिति का जायजा लिया है।

पढ़ें :- Uttarakhand News: हल्द्वानी से रिश्तों को शर्मसार करने का मामला आया सामने, सगे भाई ने नाबालिग बहन को बनाया हवस का शिकार

Image

इसी कड़ी में प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को ऊधमसिंह नगर में ट्रैक्टर पर सवार होकर बाढ प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण किया। इस मौके पर उनके साथ केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट, राज्य के आपदा मंत्री धन सिंह रावत भी साथ में मौजूद रहे।

बुधवार सुबह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हल्द्वानी स्थित काठगोदाम सर्किट हाउस में आपदा प्रभावित लोगों से मिले और उनकी समस्याएं सुनीं। इसके बाद अन्य स्थानों का निरीक्षण कर जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने उधमसिंह नगर के खटीमा सहित अन्य प्रभावित क्षेत्रों का ट्रैक्टर पर सवार होकर स्थलीय दौरा किया और प्रभावितों से जानकारी ली।

बताया गया कि मुख्यमंत्री आज पूरे दिन उधमसिंह नगर, अल्मोड़ा, हल्द्वानी में आपदा प्रभावित इलाकों का निरीक्षण कर स्थलीय निरीक्षण करेंगे। इसके बाद शाम को गौलापर हैलीपेड से सीधे देहरादून जीटीसी हैलीपैड पहुंचेंगे।

गलनाव-सिरण गांव सड़क क्षतिग्रस्त, 500 से अधिक परिवार कैद

चमोली जिले में रविवार से मंलवार देरशाम तक हुई मूसलाधार बरसात के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। जिले के चटवापीपल-गलनाव से सिरण गांव को जोडने वाली सड़क कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो गई है। इससे ग्रामीण मीलों पैदल चलकर किसी तरह अपने गांव पहुंच रहे हैं।

पढ़ें :- जोशीमठ को भूस्खलन से ध्वस्त होने से बचाने के लिए रिसर्च में जुटे वैज्ञानिक

ग्रामीण प्रमोद नोटियाल, अनिल नेगी, मनवर सिंह, वसदेव सिंह और गिरीश सिंह का कहना है कि मोटर मार्ग (साढ़े तीन किलोमीटर) कई जगह ध्वस्त हो गया है। इसके कारण गांवों से दूध, सब्जियां कस्बों तक नहीं पहुंच पा रही हैं। मोटर मार्ग अवरुद्ध होने से 500 से अधिक परिवार गांव में कैद होने को मजबूर हैं। पीएमजीएसवाई कर्णप्रयाग को सूचना दी गई है।

कनिष्ठ अभियंता प्रदीप सिंह (पीएमजीएसवाई कर्णप्रयाग) का कहना है कि विभाग की छह सड़कें अवरुद्ध हैं। विभाग के पास दो जेसीबी हैं। दोनों सड़कों को खोलने में लगी हुई हैं। अन्य मशीनों की भी व्यवस्था की जा रही है। मशीनों की व्यवस्था होते ही सभी सड़कों को खोल दिया जाएगा।

आपको बता दें कि प्रदेश में आई इस आपदा से अब तक 46 लोगों की मौत हो गयी है। वहीं करीब 11 लोग लापता भी बताये जा रहे हैं। वहीं राज्य सरकार की तरफ से मृतकों के परिजन को 4-4 लाख रूपये मुआवजा देने की घोषणा की है।

इन टॉपिक्स पर और पढ़ें:
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook, YouTube और Twitter पर फॉलो करे...
Booking.com
Booking.com
Booking.com
Booking.com