लोहे के कारोबार से जुड़े कुछ व्यापारियों से भी जांच विभाग की टीम ने जरूरी दस्तावेज मांगे हैं।
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Income Tax Raid : देश में टैक्स चोरी के बड़े मामले सामने आने के बाद इन दिनों जहां एक तरफ आयकर विभाग और जीएसटी इंटेलिजेंस टीम की नींद खुली है वहीं दूसरी तरफ बड़े कारोबारियों की नींद उड़ चुकी है। लगातार हो रहे बड़े पैमाने पर छापे और उनसे मिल रही करोड़ों की नकदी के बाद अब लगभग सभी बड़े कारोबारी खुद को बचाने की फिराक में है। स्टेट जीएसटी व सेंट्रल जीएसटी की टीम ऐसे बड़े कारोबारियों के बारे में जानकारी जुटा रही हैं।
गोरखपुर के कारोबारियों की उड़ी नींद
जानकारी के मुताबिक गोरखपुर में भी इन दिनों बड़े कारोबारियों की नींद उड़ी हुई है। गोरखपुर जोन के करीब 70 हजार व्यापारी जीएसटी में पंजीकृत हैं। इनमें से करीब 25 हजार व्यापारी गोरखपुर में हैं। बता दें कि सेंट्रल जीएसटी की टीम ने एक शिकायत के आधार पर गोलघर स्थित मोबाइल की एक दुकान और मेडिकल कॉलेज रोड स्थित एक होटल की जांच की है। जांच करने के बाद अब टीम ने दोनों जगहों से पूरे कागज़ात मांगे गए हैं। वहीं इसके अलावा लोहे के कारोबार से जुड़े कुछ व्यापारियों से भी जांच विभाग की टीम ने जरूरी दस्तावेज मांगे हैं।
खलीलाबाद में पड़े सेंट्रल GST का छापे से गोरखपुर में हड़कंप
बता दें कि हाल ही में सेंट्रल जीएसटी की टीम ने खलीलाबाद में एक बड़े कबाड़ी के यहां जांच करने पहुंची। जहां विभाग ने जब कागज़ात खंगाले तो उसमें से टैक्स चोरी की एक नई कहानी निकल कर सामने आई। विभाग द्वारा बताया गया कि दरअसल ये कबाड़ी थोड़ी थोड़ी मात्रा में समान इक्कठा कर उसे बड़ी कंपनी को बेच देते हैं।
परंतु कंपनी को दिए इस माल पर वो कोई टैक्स नहीं देते। इसमें बड़े स्तर पर टैक्स की चोरी की जाती है। मामला सामने आने के बाद जीएसटी इंटेलिजेंस की टीम ने कबाड़ से जुड़े इन सभी कारोबारियों को नोटिस भेज दिया है और सभी दस्तावेज जमा करने का निर्देश दिया है।
टैक्स चोरी को पकड़ने के लिए विभाग बना रही है रणनीति
बता दें कि बड़े स्तर पर हो रहे इस टैक्स चोरी को पकड़ने के लिए स्टेट व सेंट्रल जीएसटी की टीम अब व्यापारियों के इनवॉइस, बैंक डिटेल, और ई-वे बिल की एक साथ जांच करेगी। आसान शब्दों में बताएं तो अगर कोई माल लखनऊ से पंजाब भेजना है या लखनऊ से सिद्धार्थनगर भेजना है तो उसका बिल कितने का है ? और माल किस गाड़ी से भेजा जा रहा है इन सब का डिटेल उन्हें देना पड़ेगा।
विभाग का मानना है कि इससे टैक्स की चोरी पकड़ना आसान हो जायेगा। यही कारण है कि आयकर विभाग जब से एक्टिव मोड पर आई है तब से बड़े कारोबारियों की नींद उड़ गई है। सिद्धार्थनगर में हुई इस जांच के बाद अब गोरखपुर के कारोबारी सतर्क होते दिख रहे हैं। उन्हें डर सताने लगा है कि शायद विभाग की टीम गोरखपुर में भी छापेमारी कर सकती है।