हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान सुखदेव भगत के अधिवक्ता ने आरोप लगाया कि विधानसभा चुनाव में रामेश्वर उरांव ने नामांकन पत्र में तथ्यों को छुपाया गया था। उनकी और से कहा गया कि रामेश्वर उरांव पर उनकी बहू ने घरेलू हिंसा का मामला दर्ज कराया था, लेकिन इस बात की जानकारी इन्होंने अपने नामांकन पत्र में नहीं दी थी
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झारखंड हाईकोर्ट ने झारखण्ड सरकार में वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव को नोटिस जारी किया है। मंत्री रामेश्वर उरांव को निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका पर हाई कोर्ट पर सुनवाई हुई। इस संबंध में पूर्व विधायक सुखदेव भगत ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान सुखदेव भगत के अधिवक्ता ने आरोप लगाया कि विधानसभा चुनाव में रामेश्वर उरांव ने नामांकन पत्र में तथ्यों को छुपाया गया था। उनकी ओर से कहा गया कि रामेश्वर उरांव पर उनकी बहू ने घरेलू हिंसा का मामला दर्ज कराया था, लेकिन इस बात की जानकारी इन्होंने अपने नामांकन पत्र में नहीं दी थी, जबकि नियम यह है कि सभी प्रकार की जानकारियों को नामांकन पत्र में देना अनिवार्य है। इसलिए तथ्यों के छुपाने के कारण इनका निर्वाचन रद्द किया जाए और सुखदेव भगत को निर्वाचित घोषित किया जाए।
सुखदेव भगत की दलील सुनने के बाद हाईकोर्ट ने मंत्री रामेश्वर उरांव को नोटिस जारी किया और यह निर्देश दिया कि छह सप्ताह में अपना पक्ष रखें। अब इस मामले की अगली सुनवाई 17 जनवरी को होगी। आपको बता दें कि 2019 के विधानसभा चुनाव में लोहरदगा सीट से रामेश्वर उरांव ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था, उन्होंने बीजेपी के उम्मीदवार सुखदेव भगत को हराया था।
चुनाव में हारने के बाद सुखदेव भगत ने मंत्री रामेश्वर उरांव पर कई आरोप लगाये थे। इनमें से मंत्री पर नॉमिनेशन पेपर में तथ्य छुपाने का आरोप भी शामिल है। आपको बता दें कि याचिकाकर्ता सुखदेव भगत भी पहले प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके हैं। लेकिन चुनाव से ठीक पहले उन्होंने पाला बदल कर बीजेपी का दामन थाम लिया था।