हेंब्रम ने सदन में कहा कि, शिबू सोरेन ने पूरे जीवन नशा मुक्ति के लिए काम किया, और ये सरकार शराब बिकवाने का काम करे ये शर्मनाक है शिबू सोरेन ने आदिवासी समाज को शराब से दूर रखने का अभियान चलाया और अब सरकार शराब बेचेगी तो इसका विरोध किया जायेगा।
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झारखंड विधानसभा में शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक लोबिन हेंब्रम ने अपनी ही सरकार के मुखिया हेमंत सोरेन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। लोबिन हेंब्रम ने सदन में कहा कि, शिबू सोरेन ने पूरे जीवन नशा मुक्ति के लिए काम किया, और ये सरकार शराब बिकवाने का काम करे ये शर्मनाक है शिबू सोरेन ने आदिवासी समाज को शराब से दूर रखने का अभियान चलाया और अब सरकार शराब बेचेगी तो इसका विरोध होगा।
विधायक लोबिन हेंब्रम सदन में एक अखबार में छपी खबर का हवाला देते हुए जिक्र कर रहे थे. जिसके अनुसार हेमंत सोरेन की सरकार इस प्रयास में लगी है कि छतीसगढ़ मॉडल की तर्ज पर राज्य में शराब की बिक्री कराई जाए।
इसी को लेकर अन्य विधायकों ने भी अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि झारखंड में शराबबंदी जरूरी है क्योंकि नशे से सबसे ज्यादा महिलाएं प्रभावित होती हैं। क्योंकि, जिनका पति शराब पीता है वो महिलाएं सबसे ज्यादा प्रताड़ित होती हैं। वो पैसे जो उनके परिवार के हित में इस्तेमाल होने चाहिए थे वो नशे में इस्तेमाल होते हैं। यहां राजस्व के लिए खनिज संपदा है, सरकार को राजस्व का रोना छोड़कर नशा मुक्त करने में ध्यान देना चाहिए।