धाम में प्रधानमंत्री लगभग सवा दो घंटे रहेंगे
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वाराणसी : आज प्रधानमंत्री ऐतिहासिक श्री विश्वनाथ धाम (कॉरिडोर) का लोकार्पण करने के पूर्व काशीपुराधिपति आदि विश्वेश्वर का वैदिक मंत्रोच्चार के बीच गंगा सहित देश के सभी पवित्र नदियों से अभिषेक कर रवियोग के अद्भुत संयोग में षोड्षोपचार विधि से पूजन अर्चन करेंगे।
इसके बाद धाम को राष्ट्र के लिए समर्पित कर देंगे। प्रधानमंत्री कॉरिडोर में भ्रमण भी करेंगे। पीएम मोदी मंदिर चौक पर संतों और प्रबुद्धजनों से संवाद करेंगे। इस दौरान प्रधानमंत्री के साथ भाजपा शासित प्रदेशों के 14 मुख्यमंत्री और दो उपमुख्यमंत्री भी रहेंगे। मंदिर में संवाद के बाद प्रधानमंत्री गंगा के जलमार्ग से ही संत रविदास घाट से बरेका अतिथि गृह सड़क मार्ग से लौट जाएंगे। प्रधानमंत्री शाम को फिर साढ़े पांच बजे बरेका गेस्ट हाउस से सड़क मार्ग से कड़ी सुरक्षा के बीच रविदास पार्क आएंगे। इसके बाद यहां से बजड़े पर सवार होकर गंगा आरती देखेंगे व मुख्यमंत्रियों के साथ मीटिंग भी करेंगे। प्रधानमंत्री इस दौरान गंगा में लगभग तीन घटे तक रहेंगे। इसके बाद रविदास पार्क लौटकर पुन: बाई रोड बीएलडब्ल्यू गेस्ट हाउस हाउस आ जाएंगे।
क्या है प्रोटोकाल
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दिल्ली से विशेष विमान द्यारा पूर्वांह 11 बजे बाबतपुर स्थित लाल बहादुर शास्त्री अन्तर राष्ट्रीय एयरपोर्ट पर आयेंगे। यहां विमान तल पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन सहित अन्य विशिष्ट जन उनकी अगवानी करेंगे। यहां से प्रधानमंत्री वायुसेना के विशेष चापर हेलीकाप्टर से संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय स्थित हेलीपैड आएंगे। हेलीपैड से बाई रोड कार से काशी के कोतवाल बाबा कालभैरव मंदिर पहुंचकर विधिवत दर्शन पूजन करेंगे। बाबा से अनुमति लेकर बाई रोड दोपहर सवा 12 के करीब राजघाट पहुंचेंगे।
राजघाट से क्रूज से चलकर दोपहर लगभग एक बजे के करीब ललिताघाट पहुंच कर श्रीकाशी विश्वनाथधाम में प्रवेश करेंगे। मंदिर में दर्शन पूजन व धाम का लोकार्पण करने के बाद मंदिर में निर्मित भवनों को देखेंगे। प्रधानमंत्री बरेका गेस्ट हाउस में रात्रि विश्राम कर अगले दिन 14 दिसम्बर को मुख्यमंत्रियों व जनप्रतिनिधियों के सम्मेलन में भाग लेंगे।
इसके बाद प्रधानमंत्री अपरान्ह लगभग तीन बजे बरेका हेलीपैड से स्वर्वेद महामंदिर धाम, उमरहा के लिए प्रस्थान करेंगे। दर्शन पूजन के साथ ही यहां भक्तों को संबोधित करेंगे। यहां लगभग सवा घंटा रहेंगे। इसके बाद उमरहा हेलीपैड से हेलीकॉप्टर से बाबतपुर एयरपोर्ट आएंगे। प्रधानमंत्री शाम पांच बजे एयरपोर्ट से दिल्ली के लिए प्रस्थान करेंगे।
जानिये धाम के बारे में सबकुछ
मंदिर के गर्भगृह तक बने काशी विश्वनाथ धाम का यह नया अद्भुत स्वरूप लगभग 241 साल दुनिया के सामने आ रहा है। इतिहासकारोंं की माने तो काशी विश्वनाथ मंदिर पर वर्ष 1194 से लेकर 1669 तक कई बार हमले हुए। 1777 से 1780 के बीच मराठा साम्राज्य की महारानी अहिल्याबाई होलकर ने मंदिर का जीर्णोद्धार कराया था। इसके बाद महाराजा रणजीत सिंह ने बाबा का शिखर बनवाया था।
लगभग ढाई दशक बाद प्रधानमंत्री ने आठ मार्च 2019 को मंदिर के इस भव्य दरबार का शिलान्यास किया था। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में विश्वनाथ धाम का निर्माण कर मूर्त रूप दिया गया। मुख्यमंत्री के निर्देश पर 2018 में गठित काशी विश्वनाथ विशिष्ट क्षेत्र विकास परिषद ने भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कॉरिडोर का निर्माण करने वाली अहमदाबाद की कंसल्टेंट कंपनी ने कुल चार चरणों में निर्माण कार्य शुरू किया।
पहले और तीसरे चरण का काम पहले पूरा किया गया। योजनाबद्ध तरीके से पहले चरण में मंदिर और आस-पास का इलाके का विस्तारीकरण करनें के बाद तीसरे चरण में गंगा घाट के किनारे से निर्माण कार्य शुरू किया गया। मकराना और चुनार के खास पत्थरों से बने इस परिसर में 34 फीट की ऊंचाई वाले चार नये प्रवेश गेट बनाए गए हैं। घाट से आने वाला रास्ता ललिता घाट से है। ललिताघाट से मंदिर का स्वर्णशिखर देखा जा सकता है। मंदिर चौक से लेकर गंगा घाट तक कुल 24 इमारतें बनी हैं। इनमें मुमुक्षु भवन, सिटी म्यूजियम, वाराणसी गैलरी, यात्री सुविधा केंद्र, आध्यात्मिक पुस्तक केंद्र, पर्यटक सुविधा केंद्र, वैदिक भवन, जलपान केंद्र, अन्न क्षेत्र और दुकानें भी बनकर तैयार हैं।
इसे बनाने में पहले चरण में 339 करोड़ रुपए की लागत आई है, हर रोज करीब 2000 मजदूरों ने काम किया है, इस कॉरिडोर को बनाने के लिए करीब 400 इमारतों का अधिग्रहण किया गया है, कॉरिडोर का ये पूरा इलाका करीब 5 लाख वर्गफीट में फैला है, पीएम मोदी के इस ड्रीम प्रोजेक्ट को तैयार करने में 2 साल नौ महीने का वक्त लगा है।