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हारा अहंकार, जीता न्याय का अधिकार, किसानों की मांगें हुईं पूरी, आंदोलन वापस, सत्याग्रही किसानों की जीत- कांग्रेस

संयुक्त किसान मोर्चा ने एक अहम बैठक के बाद ऐलान किया कि वो 11 दिसंबर से दिल्ली की सीमाओं को खाली करना शुरू कर देंगे।

By इंडिया वॉइस 

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नई दिल्ली, 9 दिसंबर। तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने और किसानों की ओर से आंदोलन वापस लिए जाने के बाद कांग्रेस ने इसे सत्याग्रही किसानों की जीत बताया है। कांग्रेस का कहना है कि सत्य की इस जीत में हम शहीद अन्नदाताओं को भी याद करते हैं।

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बतादें कि मोदी सरकार की ओर से कृषि और किसानों से जुड़ी सभी मांगों पर सहमति देने के बाद सालभर चले किसान आंदोलन को किसानों ने गुरुवार को खत्म करने का ऐलान कर दिया है। संयुक्त किसान मोर्चा ने एक अहम बैठक के बाद ऐलान किया कि वो 11 दिसंबर से दिल्ली की सीमाओं को खाली करना शुरू कर देंगे।

सत्य की इस जीत में शहीद अन्नदाताओं को भी याद किया गया

वहीं इस मामले पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट करके कहा कि अपना देश महान है, यहां सत्याग्रही किसान हैं, सत्य की इस जीत में हम शहीद अन्नदाताओं को भी याद करते हैं।

अन्नदाता, भाग्य विधाता किसान जीत गए- सुरजेवाला

वहीं कांग्रेस के महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने गुरुवार को कहा कि इतिहास साक्षी है कि हमेशा अहंकार हारता है। चाहे वो इतिहास के पन्नों में अंकित रावण का अहंकार हो या फिर प्रचंड बहुमत की मोदी सरकार का।

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सुरजेवाला ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि दिल्ली की सीमाओं पर 378 दिनों तक चले किसानों के संघर्ष के बाद देश के अन्नदाताओं को मिली विजय के लिए करोड़ों किसानों और खेतिहर मजदूरों को हार्दिक बधाई। किसान आंदोलन ने महात्मा गांधी के सिद्धांत को सिद्ध कर किया है कि जनतंत्र की असली शक्ति जनता में निहित है।

प्रजातंत्र के नए युग की शुरुआत

सुरजेवाला ने कहा कि भारत के प्रजातंत्र ने पूरे विश्व को ये पाठ पढ़ाया है कि अगर मुट्ठी भर पूंजीपतियों के सहयोग से सत्ता हासिल भी कर लेंगे तो भी उसके संचालन के सूत्र जनता के हाथ ही में रहते हैं। केंद्र सरकार की सदन की असंवैधानिक मनमानियों को सड़क पर कैसे ठीक किया जाता है, ये पाठ किसानों के आंदोलन ने देश को पढ़ाया है। अब हम कह सकते हैं कि प्रजातंत्र के नए युग की शुरुआत हुई है।

किसानों को उपज का केवल MSP नहीं बल्कि लाभकारी मूल्य दिलाने का दिन

रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि अब किसानों को उपज का केवल न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं बल्कि लाभकारी मूल्य दिलाने का दिन है। किसान की आय साल 2022 तक दोगुनी करने का वादा निभाने का दिन है। भारत सरकार के NSO के मुताबिक किसान की औसत आय 27 रुपये प्रतिदिन है, जो मनरेगा की मजदूरी से भी कम है। किसान और खेतिहर मजदूर को जानलेवा कर्ज मुक्ति के बंधन से आजाद करवाने का दिन है।

रणदीप सिंह के केंद्र से सवाल

सुरजेवाला ने केंद्र सरकार से सवाल करते हुए कहा कि देश के हर किसान पर औसत 72 हजार रु. का कर्ज है। लेकिन मोदी सरकार ये कहती है कि किसान की कर्जमाफी के लिए उसके पास फूटी कौड़ी नहीं, तो ये सोचने का समय है कि फिर पूंजीपतियों के 7 साल में 10 लाख करोड़ माफ कैसे किए? उन्होंने कहा कि केंद्र ने डीजल पर एक्साइज शुल्क 21.80 प्रति लीटर बढ़ाया, खाद पर 5 प्रतिशत GST, कीटनाशक दवाई पर 18 प्रतिशत GST, ट्रैक्टर और खेती के उपकरणों पर 12 प्रतिशत GST लगाकर किसानों के साथ कैसा न्याय किया है।

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