Omicron : प्रदेश कोरोना के नए वेरिएंट के लिए तैयार है, मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा हम अपनी चिकित्सा सुविधाओं को बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं।
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लखनऊ, 02 दिसम्बर। प्रदेश सरकार के चिकित्सा शिक्षा एवं वित्त मंत्री सुरेश खन्ना (Suresh khanna) ने कहा कि 2017 में जब हमारी सरकारी आई उस समय यूपी में सिर्फ 12 मेडिकल कॉलेज थे। अब हमारे पास 35 मेडिकल कॉलेज हैं। पहले फेज सात, दूसरे में नौ और तीसरे फेज में 14 हैं। पहले सरकारी मेडिकल कालेजों में 1840 सीटें थीं। एमबीबीएस की सीटें बढ़कर तीन हजार हो गयी हैं। प्रदेश मुख्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान सुरेश खन्ना ने बताया कि कोरोना के नए वेरिएंट से निपटने के लिए तैयारी चल रही है। फिलहाल जापान से आने वाले कुछ यात्रियों को संदिग्ध मानकर जांच की गई थी। लेकिन उन्में ओमीक्रोन (Omicron) के लक्षण नहीं पाए गए।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार की ट्रेस, टेस्ट, ट्रीट का फार्मूला सफल रहा। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी सरकार के कोरोना (Corona) प्रबंधन की तारीफ की है। नीति आयोग (Niti Aayog) और प्रधानमंत्री ने भी सराहा है। उसी का परिणाम है कि कई प्रदेशों में यूपी से ज्यादा लोगों की मौत हुई। मौजूदा समय में 24 घण्टे में 12 केस आए हैं। 42 जिलों में एक भी केस नहीं है।
भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रदेश मुख्यालय पर गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए मंत्री सुरेश खन्ना ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में सरकार की उपलब्धियां बताते हुए कहा कि इस समय उत्तरप्रदेश में पंजीकृत डॉक्टर की संख्या 82 हजार 299, नर्सो को संख्या 74 हजार 680 हो गयी है।
सपा की सरकार में जेपेनिज इंसेफ्लाइटिस पर नियंत्रण नहीं हो पाया था। पहले इससे प्रभावित होने का प्रतिशत 16 था। वह अब घट कर तीन प्रतिशत रह गया है। बीआरडी मेडिकल कॉलेज में बाल रोग विभाग में सपा सरकार में 264 बेड थे, जो अब बढ़कर 428 हो गए है। चिकित्सा स्वास्थ्य का बजट दोगुना किया गया। 2017 में जब हमारी सरकारी आई उस समय 12 मेडिकल कॉलेज थे। अब हमारे पास 35 मेडिकल कॉलेज हैं। पहले फेज सात, दूसरे में नौ और तीसरे फेज में 14 हैं। पहले सरकारी मेडिकल कालेजों में 1840 सीटें थीं। एमबीबीएस की सीटें बढ़कर तीन हजार हो गयी हैं।
कोरोना के नए वेरीएंट से लड़ने की तैयारी के सवाल पर कहा कि नए वेरिएंट को लेकर हमारी सरकार तैयार है। अभी तक देश में एक भी इसका केस नहीं आया है। साउथ अफ्रीका से आने वाले दो लोगों को संदेह के नाम पर जांच की गई है। उनमें ओमीक्रोन का कोई लक्षण नहीं पाया गया।
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