गाजीपुर से सांसद अफजाल अंसारी जो मुख्तार के भाई हैं, वो भी अभी बसपा के ही रंग में रंगे हुए हैं
मऊ सदर के विधायक और जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी का बसपा सुप्रीमो मायावती ने पार्टी से निकाल दिया है। मायावती ने कुछ दिन पहले ट्वीट कर यह सुचना दी। मयावती ने लिखा की पार्टी में किसी भी बाहुबली या माफिया के लिए कोई जगह नहीं है। मयावती ने भले ही मुख्तार का टिकट कटा हो लेकिन अभी मुख्तार अंसारी खेमे के ज्यादातर नेता बसपा में ही शामिल है। वहीं मुख्तार अंसारी के भाई सांसद अफजाल अंसारी भी अभी बसपा के साथ हैं।
बीते दिनों लखनऊ में समाजवादी पार्टी के प्रदेश कार्यालय में मुख्तार अंसारी के बड़े भाई सिबगतुल्लाह अंसारी के सपा में शामिल होने की खबर आयी जिसके बाद आशंकाएं लगाई जा रही है कि मुख्तार अंसारी और उनके परिवार के अन्य चेहरे सहित समर्थकों का साइकिल पर सवारी करना तय है।
सिबगतुल्लाह के सपा में जाने की सूचना मऊ, गाजीपुर, बलिया, वाराणसी जैसे जनपदों में चर्चा का विषय बन गयी हैं और यह माना जा रहा है कि मुख्तार परिवार के अन्य सदस्य जल ही सपा पार्टी का रुख ले सकते हैं। किंतु मुख्तार अंसारी के समर्थकों की मानें तो अभी तक मुख्तार के ज्यादातर समर्थक बसपा में है। गाजीपुर से सांसद अफजाल अंसारी जो मुख्तार के भाई हैं, वो भी अभी बसपा के ही रंग में रंगे हुए हैं।
मुख्तार अंसारी का बसपा से टिकट कटते ही इसका फायदा उठाने वाली पार्टियों के नाम भी सामने आये। छोटे दलों को ये उम्मीद है कि मऊ सदर सीट पर मुख्तार अंसारी के अलावा दूसरा कोई प्रत्याशी जीत हासिल नहीं कर सकता।
मौके का फायदा उठाने के लिए सबसे पहले ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीन (एआईएमआईएम) ने मुख्तार को चुनाव लड़ने का प्रस्तावना दिया। फिर एआईएमआईएम अपनी बात से पीछे हट गयी और मऊ से अपना प्रत्याशी उतारने से मना कर दिया। अभी सुहेलदेव भारतीय समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने भी मुख्तार अंसारी के पक्ष में बात की है। मुख्तार को अपन पार्टी में शामिल करने के लिए ऐसे ही कई छोटे छोटे दाल आगे आ रहे हैं।