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नहीं होगी बत्ती गुल, 50 हज़ार मजदूर लगातार निकाल रहे हैं खानों से कोयला

देश में बिजली का संकट नहीं होगा, हमने 20 लाख टन कोयले की आपूर्ति कर दी है: केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी

देश में पिछले कुछ दिनों से बिजली की कटौती को लेकर बड़ी चिंता जताई जा रही है। जिसके दो मुख्य कारण कोयला रिजर्व में कमी आना और मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री के चलते बिजली की अधिक डिमांड को माना जा रहा है। हाल ही राज्यों के मुख्यमंत्री और केंद्र सरकार के बीच भी बिजली की कटौती को लेकर राजनैतिक छींटा कसी देखने को मिली है। 

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बता दें कि भारत के बिजली उत्पादन का 60 फीसदी उत्पादन कोयले से होता है। कोयले की खदानों में पानी भर जाने के कारण ऐसी स्थिति पैदा हुई है। ऐसे में कॉल इण्डिया के अफसर और लगभग 50 हजार मजदूर लगातार खदानों से कोयला व पानी निकालने में जुटे हुए हैं। देश को इस बिजली संकट से बचाने की जिम्मेदारी कॉल इण्डिया के कन्धों पर है। इसलिए कॉल इण्डिया की सारी कम्पनिया अपना टारगेट पूरा करने में दिन रात लगी हुई हैं। 

ईस्टर्न कोलफील्ड लि., भारतीय कोकिंग कोल लि., सेंट्रल कोलफील्ड लि., नार्दने कोलफील्ड लि., वेस्टर्न कोलफील्ड लि., साउथईस्ट कोलफील्ड लि., महानदी कोलफील्ड लि.,के वर्कर्स तथा ऑफिसर्स भी फिल्ड में जुटे हुए हैं। इस पर अधिकारीयों और मजदूरों की प्रशंसा करते हुए केंद्रीय कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि “मुझे गर्व है कि कोल इण्डिया और उसकी अनुषंगी कंपनियां देश की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपना सब कुछ झोंक कर दिन-रात कोयला आपूर्ति कर रही हैं”

इसी बीच केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी लगातार कोयला खदानों का दौरा कर अधिकारीयों से बातचीत कर रहे हैं उन्होंने बताया है कि देश में बिजली का संकट नहीं होगा, हमने 20 लाख टन कोयले की आपूर्ति कर दी है। इसी के साथ केंद्रीय विद्युत् मंत्री आर. के. सिंह ने भी बिजली संकट को बेसलेस बताते हुए दिल्ली सरकार के आरोपों को ख़ारिज किया है। 

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