केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लखनऊ में GST काउंसिल की 45वीं बैठक के बाद मीडिया से कहा था कि जीएसटी व्यवस्था लागू होने के चलते राज्यों को राजस्व की कमी के लिए क्षतिपूर्ति करने की व्यवस्था जून, 2022 में खत्म हो जाएगी।
नई दिल्ली, 18 सितंबर। वस्तु और सेवा कर (GST) काउंसिल की 45वीं बैठक के एक दिन बाद विपक्ष शासित राज्यों के वित्त मंत्रियों ने शनिवार को GST क्षतिपूर्ति उपकर व्यवस्था को जून, 2022 से आगे बढ़ाने की मांग की है। कुछ विपक्ष शासित राज्यों ने काउंसिल की बैठक में भी ये मांग रखी थी।
बतादें कि शुक्रवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लखनऊ में जीएसटी काउंसिल की 45वीं बैठक के बाद मीडिया से कहा था कि जीएसटी व्यवस्था लागू होने के चलते राज्यों को राजस्व की कमी के लिए क्षतिपूर्ति करने की व्यवस्था जून, 2022 में खत्म हो जाएगी। हालांकि राज्यों को GST राजस्व नुकसान की भरपाई को 2020-21 और 2021-22 में लिए कर्ज के भुगतान के लिए क्षतिपूर्ति उपकर मार्च, 2026 तक दिया जाएगा। ये टैक्स लग्जरी और अहितकर वस्तुओं पर लगाया गया है।
GST काउंसिल की बैठक में तमिलनाडु के वित्त मंत्री पी. त्याग राजन ने क्षतिपूर्ति की व्यवस्था को जारी रखने की मांग की। उन्होंने कहा कि हम मोटे तौर पर क्षतिपूर्ति तंत्र को जारी रखने के पक्ष में हैं। लेकिन, हम कई विवरणों से चिंतित हैं। उन्होंने कहा कि काउंसिल के सभी सदस्यों को 45वीं बैठक के दौरान पेश विकल्पों का विश्लेषण और आंकलन करने के लिए थोड़ा वक्त चाहिए। इसलिए हमें उम्मीद है कि आगे कोई भी फैसला कम से कम 46वीं बैठक के लिए टाल दिया जाएगा।
इस बीच केरल के वित्त मंत्री के.एन. बालगोपाल ने कहा कि GST क्षतिपूर्ति को अगले साल जून से आगे बढ़ाने की जरूरत है, क्योंकि राज्य पहले ही गंभीर राजस्व कमी से जूझ रहा है। उन्होंने कहा कि अगर GST क्षतिपूर्ति अगले साल खत्म हो गई तो राज्य को राजस्व की और अधिक कमी का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि क्षतिपूर्ति व्यवस्था को बढ़ाया जाएगा। वहीं, दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि क्षतिपूर्ति उपकर का मामला मंत्रियों के समूह (जीओएम) को भेजा जाएगा।