राज्य निर्वाचन आयोग सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित (पंच, सरपंच, जनपद और जिला पंचायत सदस्य) पदों को छोड़कर चुनाव करा रहा था।
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भोपाल, 28 दिसंबर। मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव अब नहीं होंगे। राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव को निरस्त करने का फैसला लिया है।नामांकन के साथ उम्मीदवारों के द्वारा जो जमानत राशि जमा की गई है, उसे वापस किया जाएगा। ये फैसला कानून के सभी पक्षों पर विचार करने के बाद लिया गया है।
राज्य निर्वाचन आयुक्त ने पंचायत चुनाव की पूरी प्रक्रिया निरस्त की
इस संबंध में मंगलवार शाम को आयोग के सचिव बीएस जामोद ने बताया कि सभी जरूरी कानूनी राय लेने के बाद राज्य निर्वाचन आयुक्त ने पंचायत चुनाव की पूरी प्रक्रिया को ही निरस्त कर दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य चुनाव आयुक्त बसंत प्रताप सिंह ने पंचायत और ग्रामीण विकास के साथ आयोग के अधिकारियों के साथ बैठक कर सभी पहलुओं पर चर्चा की। फिर तय हुआ कि मामले में विधि विशेषज्ञों की राय ली जाए, उसके बाद किसी फैसले पर पहुंचा जाए।
प्रदेश सरकार चुनाव रद्द होने के पहले ही संकेत दे चुकी थी
गौरतलब है कि शिवराज सरकार द्वारा मध्य प्रदेश पंचायत राज और ग्राम स्वराज संशोधन अध्यादेश को वापस लिए जाने के बाद ही ये लग रहा था कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव रद्द कर दिया जाएगा। वहीं गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा भी कह चुके थे कि पंचायत चुनाव टलेंगे। मामला यहां अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण से जुड़ा हुआ है, जिसमें कि केंद्र सरकार भी शामिल हो गई। केंद्र सरकार ने पक्षकार बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को याचिका भी दायर की थी। जिसपर 3 जनवरी को सुनवाई होगी।
बतादें कि राज्य निर्वाचन आयोग सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित (पंच, सरपंच, जनपद और जिला पंचायत सदस्य) पदों को छोड़कर चुनाव करा रहा था। लेकिन जिस अध्यादेश के आधार पर चुनाव घोषित किए गए थे, जब सरकार ने उसे ही वापस ले लिया तो चुनाव प्रक्रिया को स्थगित कर देना पड़ा। आयोग को ये फैसला लेने में इतना वक्त इसलिए लगा है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने 17 दिसंबर को OBC के लिए रिजर्व सीटों को सामान्य घोषित कर चुनाव कराने के आदेश दिया था। इस बीच सरकार ने पंचायत राज संशोधन अध्यादेश वापस लेकर संकेत दे दिया था कि अब पंचायत चुनाव होना संभव नहीं है।