लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने लोकसभा के शीतकालीन सत्र को लेकर कहा कि 29 नवंबर से शीतकालीन सत्र शुरू होगा। सत्र से पहले सभी पार्टियों से संवाद किया जाएगा, ताकि सदन को शांतिपूर्वक चलाया जा सके।
जयपुर, 20 नवंबर। जनप्रतिनिधि को कुछ भी बोलने से पहले इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उसके लिए देश सर्वोपरि हो। ये कहना है लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि जनप्रतिनिधि सदन और सदन के बाहर अपनी बात कहें तो उनके लिए देश सर्वोपरि होना चाहिए। उनका ये दायित्व होना चाहिए कि मेरा देश सर्वोपरि है उससे बड़ा कुछ नहीं है।
ओम बिरला शनिवार को जयपुर में पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू के पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को बड़ा भाई बताने के सवाल पर बिरला ने कहा कि वैसे तो मैं नवजोत सिंह सिद्धू का प्रवक्ता नहीं हूं, लेकिन सभी के लिए देश हमेशा सर्वोपरि होना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत कभी भी उन देशों का साथ नहीं देता जो आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं, हमारी प्राथमिकता है कि देश से इस आतंकवाद को पूरी तरीके से खत्म किया जाए। भारत ने आतंक को संरक्षण देने वाले को कभी स्वीकार नहीं किया है।
बिरला ने शिमला में हुए पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन की जानकारी देते हुए कहा कि सभी विधानमंडलों में एकरूपता होनी चाहिए, जहां पर शून्यकाल नहीं होता है, वहां शून्यकाल के लिए कहा गया है। इस दौरान विधानमंडलों को सशक्त बनाने पर भी चर्चा हुई। वहीं दल बदल कानून को कठोर बनाने पर भी चर्चा हुई है।
लोकसभा अध्यक्ष ने केंद्र सरकार की ओर से कृषि कानून वापस लिए जाने के निर्णय पर कहा कि कानून बनाना और कानून को वापस लेना सरकार का अधिकार है।
बिरला ने लोकसभा के शीतकालीन सत्र को लेकर कहा कि 29 नवंबर से शीतकालीन सत्र शुरू होगा। सत्र से पहले सभी पार्टियों से संवाद किया जाएगा, ताकि सदन को शांतिपूर्वक चलाया जा सके। सदन में सभी जनप्रतिनिधि अपनी बात रखें और अपने किए गए विकास कार्यों को भी गिनाएं। सदन में तार्किक मुद्दों पर चर्चा भी होनी चाहिए।