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झारखंड में आज बंद रहे पेट्रोल पंप, एसोसिएशन ने बताया सरकारी विभागों में बकाया है 35 करोड़ से ज्यादा की रकम

एसोसिएशन के पदाधिकारी संतु भाई मानिक ने बताया कि झारखंड पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने अपनी मांगों को लेकर बंदी बुलाई है। एसोसिएशन के द्वारा वित्त मंत्री को सौंपे गये मांग पत्र पर सरकार द्वारा अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।

By इंडिया वॉइस 

Updated Date

रामगढ़ : झारखंड पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन के आह्वान पर मंगलवार को सभी पेट्रोल पंप बंद रहे। इस दौरान पेट्रोल पंप के संचालकों ने सरकारी विभागों में बकाया रकम का भुगतान जल्द करने की मांग रखी। इस संबंध में एसोसिएशन के पदाधिकारी संतु भाई मानिक ने बताया कि झारखंड पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने अपनी मांगों को लेकर बंदी बुलाई है। एसोसिएशन के द्वारा वित्त मंत्री को सौंपे गये मांग पत्र पर सरकार द्वारा अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके मद्देनजर सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक झारखंड के सारे पंप बंद रहेंगे।

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एसोसिएशन के मुताबिक सरकारी विभागों पर पेट्रोल पंपों के करीब 40 करोड़ रुपये बकाया है। इसके भुगतान की मांग लगातार की जा रही है। लेकिन भुगतान नहीं किया जा रहा है। साथ ही एसोसिएशन के द्वारा पेट्रोल और डीजल के वैट की दर कम करने की मांग की जा रही है। एसोसिएशन की मांगों में सरकारी विभागों द्वारा बकाये का भुगतान जल्द से जल्द करना, वैट की दर 22 से घटाकर 17 प्रतिशत करना, डीजल में मिलावट को रोकना भी शामिल हैं।

 

वैट कम करने के बाद भी सरकार को 600 करोड़ का मुनाफा होगा

 

एसोसिएशन के मुताबिक़ वैट कम करने के बाद भी राज्य सरकार को डीजल पर हर साल घाटे की जगह 646.20 करोड़ रुपये का मुनाफा होगा। एसोसिएशन ने यह भी दावा किया कि अगर सरकार को इससे एक रुपये का भी घाटा होता है तो घाटे का भुगतान संगठन द्वारा किया जाएग। सरकार अगर चाहे तो इस सम्बन्ध में लिखित आश्वासन ले सकती है।

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35 – 40 करोड़ की सरकारी रकम है बकाया

 

एसोसिएशन अध्यक्ष अशोक सिंह के मुताबिक़ कोविड महामारी के दौरान मजदूरों को बसों से घर पहुंचाया गया था। इस दौरान पंपों से लिए गए डीजल का अभी तक कोई भुगतान नहीं हुआ है। इसके अलावा मंत्री व विभागों की गाड़ियों में डाले जाने वाले तेल का भी बकाया है। अशोक सिंह के मुताबिक़ करीब 35-40 करोड़ का सरकारी बकाया है।

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