अपराधियों के मन में भय पैदा करें जांच एजेंसियां
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नई दिल्ली, 20 अक्टूबर। प्रधानमंत्री मोदी ने आज केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की संयुक्त कॉन्फ्रेंस को वीडियो संदेश से संबोधित किया। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जांच एजेंसियों को ‘प्रीवेंटिव विजिलेंस’ का मंत्र देते हुए कहा कि अपराध होने से रोकना न केवल संसाधनों की बचत करता है बल्कि इससे जांच एजेंसियों का काम भी आसान होता है।
प्रधानमंत्री ने ‘प्रीवेंटिव विजिलेंस’ के मंत्र के साथ कहा कि अपराध करने वाले निरंतर नए-नए तरीके ढूंढ रहे हैं। ऐसे में हमें उनसे दो कदम आगे रहना होगा। उन्होंने कहा कि जांच एजेंसियों को अपराधियों को स्पष्ट संदेश देना होगा कि धोखा करने वालों के लिए दुनिया में कोई सुरक्षित पनाहगाह नहीं है। राष्ट्रहित और जनहित से खेलने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
अपराधियों के मन में भय पैदा करें जांच एजेंसियां
जांच एजेंसियों से प्रधानमंत्री ने कहा कि वे गरीबों के मन से हिचक और डर निकालकर अपराधियों के मन में भय पैदा करें। इस दौरान प्रधानमंत्री ने सरकार की ओर से की जा रही डिजिटल पहलों का उल्लेख किया। साथ ही उन्होंने जनता में सरकार के प्रति विश्वास जगाने के लिए उठाए गए कदमों की भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि दस्तावेजों की वेरिफिकेशन लेयर हटाकर सरकार ने करप्शन और अनावश्यक परेशानी से बचाने का रास्ता तलाशा है। उन्होंने कहा कि देश के नागरिकों पर विश्वास के चलते ही आज भ्रष्टाचार के अनेक रास्ते बंद हुए हैं।
My remarks at the joint conference of the CVC and CBI. https://t.co/cZnUZ0Il3M
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— Narendra Modi (@narendramodi) October 20, 2021
प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस प्रकार दुनिया का कोई भी ताला चोरों के लिए फुल प्रूफ नहीं है। उसी प्रकार कोई भी डिजिटल तकनीक साइबर अपराध और साइबर धोखाधड़ी से मुक्त नहीं है। ऐसे में जांच एजेंसियों का इनसे निपटना एक बड़ी चुनौती है। इस दिशा में उन्हें विशेष ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हाल ही में सीवीसी ने अपनी नियमावली में बदलाव किया है और इसमें ई-सतर्कता पर विशेष ध्यान दिया गया है।
भ्रष्टाचार नागरिकों से छीनता है उनका अधिकार
प्रधानमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार किसी भी प्रकार का हो, वह किसी ना किसी के हक को छिनता है। भ्रष्टाचार नागरिकों को उनके अधिकारों से वंचित करता है, राष्ट्र की प्रगति में बाधक बनता है और इससे देश की सामूहिक शक्ति प्रभावित होती है। आजादी के ‘अमृत महोत्सव’ में हमें गुड गवर्नेंस, प्रो-पियुप्ल और प्रोएक्टिव गवर्नेंस को सशक्त करने में जुटे हुए हैं। इससे देश में विश्वास पैदा हुआ है कि धोखाधड़ी करने वाले, गरीबों को लूटने वाले कितने भी ताकतवर हो या दुनिया में कहीं भी हो उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का नया भारत भ्रष्टाचार को पूरी तरह से स्वीकार करता है। नया भारत व्यवस्था में पारदर्शिता, कार्य में गतिशीलता और प्रशासन में सुगमता चाहता है। इसी सोच को आगे रखते हुए सरकार तकनीक का इस्तेमाल कर नवाचार और नई पहलों के माध्यम से नए मार्ग तलाश रही है। सरकार का मकसद सरकारी प्रक्रियाओं को सरल बनाना है और मिनिमम गवर्नमेंट के जरिए मैक्सिमम गवर्नेंस देना है।