प्रशांत किशोर ने कहा कि अगले कुछ दशकों तक बीजेपी के इर्द-गिर्द ही देश की राजनीति घूमती रहेगी।
12 दिसंबर, नई दिल्ली। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने एक बार फिर कांग्रेस पार्टी पर जुबानी हमला बोला है। प्रशांत किशोर का कहना है कि कांग्रेस में लोकतंत्र ही नहीं है। अगर पार्टी को बचाना है तो गांधी परिवार से बाहर से किसी नेता को लोकतांत्रिक तरीके से अध्यक्ष चुनें। प्रशांत किशोर के मुताबिक देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस के बिना भी बीजेपी विरोधी मोर्चा बनाना मुमकिन नहीं है।
1984 के बाद कांग्रेस को अपने दम पर जीत नहीं मिली
प्रशांत किशोर ने एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए कहा है कि एक ट्वीट और कैंडल मार्च के जरिए कांग्रेस बीजेपी को कभी नहीं हरा सकती। बीजेपी काफी मजबूत हो चुकी है। पीएम मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी को हराने के लिए आपको मजबूत रणनीति तैयार करनी होगी। प्रशांत किशोर ने कहा कि 1984 के बाद कांग्रेस को अकेले अपने दम पर एक भी लोकसभा चुनाव में जीत नहीं मिली है। जीत मिली भी है तो गठबंधन सरकार बनी। वहीं पिछले 10 सालों में कांग्रेस को 90 फीसदी चुनावों में सिर्फ हार मिली है। कांग्रेस नेतृत्व को हार की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
कांग्रेस के पास पहले जैसी लीडरशिप नहीं
प्रशांत किशोर ने कहा कि कांग्रेस के पास पहले जैसी लीडरशिप नहीं है। 2012 में कर्नाटक, 2017 में पंजाब, 2018 में मध्य प्रदेश और राजस्थान में सिर्फ उपचुनाव ही जीते हैं। 2012 से बड़े राज्यों में कांग्रेस ने कोई भी चुनाव नहीं जीता। कांग्रेस को समझने की जरूरत है कि उनकी रणनीति में कुछ तो सही नहीं है। कांग्रेस की प्लानिंग कहीं ना कहीं गलत हो रही है जो कि जनता तक सही से नहीं पहुंच रही। प्रशांत किशोर ने कहा कि मैं कोई नहीं हूं राय देने वाला की लीडरशिप पर कौन होना चाहिए। लेकिन कांग्रेस को अकेले नहीं बाकी पार्टियों को साथ लेकर विपक्ष में रहना चाहिए।
प्रशांत किशोर ने की पीएम मोदी की तारीफ
प्रशांत किशोर ने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि वो सभी लोगों की सुनते हैं। ये ही उनकी सबसे बड़ी ताकत है। पीएम मोदी को पता है कि लोगों की जरूरत क्या है। प्रशांत किशोर ने ये भी कहा कि अगले कुछ दशकों तक बीजेपी के इर्द-गिर्द ही देश की राजनीति घूमती रहेगी।
पहले भी प्रशांत ने किया था कांग्रेस पर हमला
बतादें कि प्रशांत किशोर पहले भी ट्वीट करते हुए लिखा था कि ”कांग्रेस मजबूत विपक्ष के लिए जिस तरह विचार और विस्तार का प्रतिनिधित्व करती है, वो जरूरी है, लेकिन विपक्ष का नेतृत्व कांग्रेस का दैवीय अधिकार नहीं है, जब पार्टी पिछले 10 सालों में अपने 90 फीसदी चुनाव हार चुकी हो। लोकतांत्रिक तरीके से विपक्षी नेतृत्व को तय करने दें।”
The IDEA and SPACE that #Congress represents is vital for a strong opposition. But Congress’ leadership is not the DIVINE RIGHT of an individual especially, when the party has lost more than 90% elections in last 10 years.
पढ़ें :- Corona Deaths : बीजेपी का कांग्रेस पर पलटवार- देश को नीचा दिखाने की कोशिश कर रहे हैं राहुल गांधी
Let opposition leadership be decided Democratically.
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) December 2, 2021
और पढ़ें:
गीता किसी भाषा, प्रांत या धर्म की नहीं, संपूर्ण मानवता की ग्रंथ है- लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला
पढ़ें :- JahagirPuri Violence : संवैधानिक मूल्यों का विध्वंस कर रही है BJP- राहुल गांधी