प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा कि महा अष्टमी के पावन मौके पर बुधवार को सुबह 11 बजे 'पीएम गतिशक्ति - मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी' के लिए राष्ट्रीय मास्टर प्लान का शुभारंभ किया जाएगा।
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नई दिल्ली, 12 अक्टूबर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के अवसंरचना परिदृश्य से जुड़े एक ऐतिहासिक आयोजन के तहत बुधवार को प्रगति मैदान में ‘पीएम गतिशक्ति – मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए राष्ट्रीय मास्टर प्लान’ का शुभारंभ करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा कि महा अष्टमी के पावन मौके पर बुधवार को सुबह 11 बजे पीएम गतिशक्ति – मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए राष्ट्रीय मास्टर प्लान का शुभारंभ किया जाएगा।
On the auspicious occasion of Maha Ashtami, tomorrow, 13th October at 11 AM, the PM GatiShakti – National Master Plan for multi-modal connectivity will be launched. Here are the details about why this initiative is special. https://t.co/KKE07VxfYF
— Narendra Modi (@narendramodi) October 12, 2021
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के मुताबिक इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मोदी प्रगति मैदान में नए प्रदर्शनी परिसर (प्रदर्शनी हॉल 2 से 5) का भी उद्घाटन करेंगे। भारत व्यापार संवर्धन संगठन का प्रमुख कार्यक्रम, भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला (IITF) 2021 भी इन नए प्रदर्शनी हॉल में 14-27 नवंबर के दौरान आयोजित किया जाएगा।
इस मौके पर केन्द्रीय वाणिज्य मंत्री, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री, रेल मंत्री, नागरिक उड्डयन मंत्री, पोत परिवहन (शिपिंग) मंत्री, विद्युत मंत्री, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री भी मौजूद रहेंगे।
पीएमओ के मुताबिक भारत में अवसंरचना या बुनियादी ढांचागत सुविधाओं के निर्माण में पिछले कई दशकों से अनगिनत समस्याएं आड़े आती रही थीं। कई विभागों के बीच समन्वय का घोर अभाव देखा जाता था। उदाहरण के लिए, एक बार कोई सड़क बन जाने के बाद अन्य एजेंसियां भूमिगत केबल, गैस पाइपलाइन, इत्यादि बिछाने जैसी गतिविधियों के लिए निर्मित सड़क को फिर से खोद देती थीं। इससे ना केवल लोगों को भारी असुविधा होती थी, बल्कि ये एक फिजूलखर्ची भी होती थी। इस समस्या के समाधान के लिए आपस में समन्वय बढ़ाने की ठोस कोशिश की गई ताकि सभी केबल, पाइपलाइन, इत्यादि एक साथ बिछाई जा सकें। अनुमोदन प्रक्रिया में काफी समय लगने, तरह-तरह की नियामक मंजूरियां लेने, जैसी समस्याओं के समाधान के लिए भी कई ठोस कदम उठाए गए हैं। पिछले सात सालों में सरकार ने समग्र दृष्टिकोण के जरिये बुनियादी ढांचागत सुविधाओं या अवसंरचना पर अभूतपूर्व ध्यान देना सुनिश्चित किया है।
पीएम गतिशक्ति प्रमुख अवसंरचना परियोजनाओं के लिए समस्त पक्षों के लिए समग्र योजना को संस्थागत रूप देकर पिछले सभी मुद्दों को सुलझाएगी। एक-दूसरे से अलग-थलग रहकर योजना बनाने और डिजाइन तैयार करने के बजाय परियोजनाओं को एक साझा नजरिए से तैयार और कार्यान्वित किया जाएगा। इसमें कई मंत्रालयों और राज्य सरकारों की अवसंरचना योजनाओं जैसे कि भारतमाला, सागरमाला, अंतर्देशीय जलमार्गों, शुष्क और भूमि बंदरगाहों, उड़ान, इत्यादि को शामिल किया जाएगा। कनेक्टिविटी बेहतर करने एवं भारतीय व्यवसायों को और भी अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए टेक्सटाइल क्लस्टर, फार्मास्युटिकल क्लस्टर, रक्षा कॉरिडोर, इलेक्ट्रॉनिक पार्क, इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, फिशिंग क्लस्टर, एग्री जोन जैसे आर्थिक क्षेत्रों को कवर किया जाएगा। इसमें कई प्रौद्योगिकियों का भी व्यापक इस्तेमाल किया जाएगा, जिनमें बीआईएसएजी-एन (भास्कराचार्य राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुप्रयोग और भू-सूचना संस्थान) द्वारा विकसित इसरो इमेजरी युक्त स्थानिक नियोजन उपकरण भी शामिल होंगे।
मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी, परिवहन के एक साधन से दूसरे साधन में लोगों, वस्तुओं और सेवाओं की आवाजाही के लिए एकीकृत और निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करेगी। ये कदम बुनियादी ढांचे को अंतिम मील तक कनेक्टिविटी की सुविधा देने और यात्रा में लोगों को लगने वाले समय को भी कम करेगा।
पीएम गतिशक्ति कनेक्टिविटी से जुड़ी आगामी परियोजनाओं, अन्य व्यावसायिक केंद्रों, औद्योगिक क्षेत्रों और आसपास के वातावरण के बारे में जनता और व्यावसायिक समुदाय को जानकारी देगी। ये निवेशकों को उपयुक्त स्थानों पर अपने व्यवसाय की योजना बनाने में सक्षम बनाएगी, जिससे पारस्परिक व्यवहार में वृद्धि होगी। ये रोजगार के कई अवसर पैदा करेगी और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगी। ये लॉजिस्टिक्स से जुड़ी लागत में कटौती और आपूर्ति श्रृंखला में सुधार करके स्थानीय उत्पादों की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता को बेहतर बनाएगी और स्थानीय उद्योग एवं उपभोक्ताओं के बीच उपयुक्त जुड़ाव भी सुनिश्चित करेगी।